हरिभूमि न्यूज. चंडीगढ़
ठेके पर रखने के लिए विभागाध्यक्ष रोजगार कार्यालयों में अपनी मांग भेजेगा। इसके अलावा विज्ञापन भी जारी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को अपनाते हुए ठेके पर कर्मचारी रखे जाएंगे। ठेके पर रखे गए कर्मचारी का रेगुलर होने के लिए किसी भी सूरत में दावा नहीं होगा। विभाग ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारी के साथ एग्रीमेंट करेगा। एग्रीमेंट की तिथि समाप्त होते ही कर्मचारी का ठेका समाप्त हो जाएगा। ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारी को उस र्शेणी के रेगुलर कर्मचारी का शुरुआती वेतन का 50 फीसदी मिलेगा। परिसरों की सफाई, बागवानी कार्य, हाउसकीपिंग सर्विसेज, भवनों का रख-रखाव, परिवहन सेवाएं, कूरियर सेवाएं, सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी, उच्च तकनीकी और व्यावसायिक सेवाएं शामिल हैं। इन सेवाओं की पहचान विभाग के मुखिया करेंगे। वे न्यूनतम योग्यता मानदंड, प्रदर्शन व निगरानी तय करेंगे। जिला स्तर पर डीसी काम देखेंगे। सरकार ने सूबे में रिक्त पड़े 65000 से ज्यादा पदों पर रेगुलर कर्मचारियों की भर्ती होने तक ठेके पर कर्मचारी रखने का बड़ा फैसला किया है। इस संबंध में सरकार ने सोमवार को आउटसोर्सिंग पालिसी जारी कर दी है। पालिसी के दो हिस्से हैं। पहले हिस्से में विभागों, बोडरें, निगमों और जिला सचिवालयों में ग्रुप सी और डी के स्वीकृत रिक्त पदों पर कर्मचारी ठेके पर रखने के नियम शामिल हैं तो दूसरे हिस्से में उन सेवाओं को आउटसोर्सिंग के जरिए ठेके पर देने के नियम शामिल हैं जहां पद स्वीकृत नहीं हैं। एक साल के लिए भर्ती सरकार की नीति के मुताबिक जहां पद स्वीकृत हैं और रिक्त हैं, वहां एक साल तक की अवधि के लिए ठेके पर कर्मचारी रखे जाएंगे। इसी बीच विभाग रेगुलर भर्ती के प्रयास करते रहेंगे। अगर एक साल से पहले रेगुलर कर्मचारी नियुक्त हो गए तो ठेके पर रखे कर्मचारियों को नियुक्ति समाप्त हो जाएगी। अगर एक साल के बीच में भी रेगुलर भर्ती नहीं हुई तो ठेके पर रखे कर्मचारी का ठेका आगे बढ़ाया जा सकेगा। सुनिश्चित करना विभाग की जिम्मेदारी होगी कि सेवा प्रदाता एजेंसी अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अति कुशल पदों के समक्ष नियुक्त व्यक्तियों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करे। संबंधित एजेंसी ऐसे कर्मचारी का ईपीएफ और ईएसआई भी काटेगा।
ठेके पर रखने के लिए विभागाध्यक्ष रोजगार कार्यालयों में अपनी मांग भेजेगा। इसके अलावा विज्ञापन भी जारी किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को अपनाते हुए ठेके पर कर्मचारी रखे जाएंगे। ठेके पर रखे गए कर्मचारी का रेगुलर होने के लिए किसी भी सूरत में दावा नहीं होगा। विभाग ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारी के साथ एग्रीमेंट करेगा। एग्रीमेंट की तिथि समाप्त होते ही कर्मचारी का ठेका समाप्त हो जाएगा। ठेके पर रखे जाने वाले कर्मचारी को उस र्शेणी के रेगुलर कर्मचारी का शुरुआती वेतन का 50 फीसदी मिलेगा। परिसरों की सफाई, बागवानी कार्य, हाउसकीपिंग सर्विसेज, भवनों का रख-रखाव, परिवहन सेवाएं, कूरियर सेवाएं, सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी, उच्च तकनीकी और व्यावसायिक सेवाएं शामिल हैं। इन सेवाओं की पहचान विभाग के मुखिया करेंगे। वे न्यूनतम योग्यता मानदंड, प्रदर्शन व निगरानी तय करेंगे। जिला स्तर पर डीसी काम देखेंगे। सरकार ने सूबे में रिक्त पड़े 65000 से ज्यादा पदों पर रेगुलर कर्मचारियों की भर्ती होने तक ठेके पर कर्मचारी रखने का बड़ा फैसला किया है। इस संबंध में सरकार ने सोमवार को आउटसोर्सिंग पालिसी जारी कर दी है। पालिसी के दो हिस्से हैं। पहले हिस्से में विभागों, बोडरें, निगमों और जिला सचिवालयों में ग्रुप सी और डी के स्वीकृत रिक्त पदों पर कर्मचारी ठेके पर रखने के नियम शामिल हैं तो दूसरे हिस्से में उन सेवाओं को आउटसोर्सिंग के जरिए ठेके पर देने के नियम शामिल हैं जहां पद स्वीकृत नहीं हैं। एक साल के लिए भर्ती सरकार की नीति के मुताबिक जहां पद स्वीकृत हैं और रिक्त हैं, वहां एक साल तक की अवधि के लिए ठेके पर कर्मचारी रखे जाएंगे। इसी बीच विभाग रेगुलर भर्ती के प्रयास करते रहेंगे। अगर एक साल से पहले रेगुलर कर्मचारी नियुक्त हो गए तो ठेके पर रखे कर्मचारियों को नियुक्ति समाप्त हो जाएगी। अगर एक साल के बीच में भी रेगुलर भर्ती नहीं हुई तो ठेके पर रखे कर्मचारी का ठेका आगे बढ़ाया जा सकेगा। सुनिश्चित करना विभाग की जिम्मेदारी होगी कि सेवा प्रदाता एजेंसी अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और अति कुशल पदों के समक्ष नियुक्त व्यक्तियों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करे। संबंधित एजेंसी ऐसे कर्मचारी का ईपीएफ और ईएसआई भी काटेगा।
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