रोहतक | शिक्षाविभाग द्वारा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में
रेशनेलाइजेशन नीति लागू करने की योजना के तहत रोहतक जिले के
सभी सरप्लस शिक्षकों की सूची मुख्यालय को सौंप दी गई है। जिले
के कई सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां अभी भी शिक्षकों का बहुत अभाव
हैं, कई स्कूल ऐसे हैं जहां आज तक विज्ञान के शिक्षकों की नियुक्ति
ही नहीं हो सकी। डिप्टी डीओ सुमित्रा वर्मा ने बताया कि
जिले के हसनगढ़, ककराना, कलानौर और सांगाहेड़ा के सरकारी
विद्यालयों में कई सालों से विज्ञान के शिक्षक नहीं हैं। 1 अप्रैल से
शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है इसलिए इस संबंध में मुख्यालय से रिपोर्ट
आने तक जिला शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर ही शिक्षकों की
ड्यूटी उन
स्कूलों में लगा दी है जहां उनकी बहुत जरूरत थी। डिप्टी डीईओ ने बताया कि नई नीति के तहत विभाग द्वारा हर सरकारी स्कूल में 1 से 20 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक, 21 से 60 तक 2 जेबीटी शिक्षक, 61 से 90 तक 3 जेबीटी शिक्षक, 91 से 120 पर 4 जेबीटी शिक्षक, 121 से 150 पर 5 जेबीटी शिक्षक, 151 से 200 पर 4 जेबीटी शिक्षक, 1 हैड टीचर, 201 से 240 पर 5 जेबीटी, 1 हैड टीचर, 241 से 280 तक विद्यार्थियों पर 6 जेबीटी, 1 हेडटीचर नियुक्त किए जाएंगे।
स्कूलों में लगा दी है जहां उनकी बहुत जरूरत थी। डिप्टी डीईओ ने बताया कि नई नीति के तहत विभाग द्वारा हर सरकारी स्कूल में 1 से 20 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक, 21 से 60 तक 2 जेबीटी शिक्षक, 61 से 90 तक 3 जेबीटी शिक्षक, 91 से 120 पर 4 जेबीटी शिक्षक, 121 से 150 पर 5 जेबीटी शिक्षक, 151 से 200 पर 4 जेबीटी शिक्षक, 1 हैड टीचर, 201 से 240 पर 5 जेबीटी, 1 हैड टीचर, 241 से 280 तक विद्यार्थियों पर 6 जेबीटी, 1 हेडटीचर नियुक्त किए जाएंगे।
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