Monday, April 13, 2015

A TOUCHING STORY FROM FB

हर सुबह मैं जागिंग के लिए जाता तो एक अंकल आंटी को पार्क के कोने वाले बैंच पर गुमसुम बैठा देखता... शुरू शुरू मे तो मेरा ध्यान उनकी तरफ नही गया लेकिन जब भी मै उनके करीब से दौड़ते हुए गुजरता तो महसूस करता कि वो मुझसे कुछ कहना चाहती हैं... आखिरकार जागिंग करने के बाद एक दिन मै उनके पास बैंच पर जा बैठा परिचय के बाद पता चला कि उनका एक बेटा है जो कि दूसरे शहर मे रहता है और खर्चा पानी भेजता रहता है अंकल भी सरकारी नौकरी से रिटायर है उनकी भी पेंशन आती है गुजर बसर अच्छे से हो जाता है... जब मै उठकर चलने लगा तो आंटी बोली-- बेटा, मेरा एक काम कर दोगे..? मैने कहा हाँ हाँ क्यों नही.. आंटी बोली--बेटा फोन तो तेरे अंकल ने ला दिया लेकिन हमें फेसबुक अपलोड करना नही आता तुम कर दो ना प्लीज... और हाँ एक सुन्दर सी किसी हिरोइन की तस्वीर भी डाल देना जिसको आजकल के लडके ज्यादा पसंद करते है। मै
अचरज मे पड़ गया आंटी कैसी कैसी बातें कर रही है आखिर करना क्या चाहती है खैर मैने फेसबुक अपलोड कर श्रद्धा कपूर की फोटो अपलोड कर दी नाम के लिए पूछा तो आंटी बोली कोई भी प्यारा सा नाम जो आजकल के लड़कों को अच्छा लगता हो खैर वो भी मैने सृष्टि नाम डाल दिया उस आंटी ने मेरा धन्यवाद किया और उठकर चलने लगी... तो मुझसे रहा नही गया मैने पूछा- - आंटी, अगर बुरा ना मानो तो मै आपसे एक बात पूछूं..? आंटी बोली--पूछो बेटा बुरा मानने वाली तो कोई बात ही नही.. मैने झिझकते हुए पूछा--आंटी आपने जो तस्वीर व नाम अपलोड करवाया है उसका आप क्या करोगी...? आंटी बोली--बेटा पैसे तो बेटा हर महीने भेज देता है लेकिन बेटा बहू और पोते पोती को देखे कई कई महीने बीत जाते हैं सुना है फेसबुक पर परिवार की फोटो बीवी बच्चो की फोटो लोग डालते रहते है अब हम लोगों की फ्रैण्ड रिक्वैस्ट तो वो स्वीकार करेगा नही... इसलिए तुमसे वो फोटो और नाम दूसरा डलवाया ताकि हम कम से कम उसके मां बाप बनकर ना सही मित्र बनकर ही सही उसको व उसके बीवी बच्चो को बड़ा होते देख सकें..... उसके आगे जो भी उस आंटी ने कहा मै सुन नही पाया क्योंकि दिमाग ने सोचना बन्द कर दिया था बस मै उन अंकल आंटी को एक नई उम्मीद के कदमों से घर लौटते हुए देख रहा था..... और एक सबक मैने भी घर लौटते वक्त आज खुद को दिया कि दुनिया के टच मे रहने से पहले उनके टच मे रहना ज्यादा जरूरी है जिन्होने हमे जन्म दिया है....

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