आधार कार्ड की शुरुआत 28 जनवरी 2009 को हुई। इस योजना पर कुल 18 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। अभी तक देश की 16 फीसदी आबादी यानी कि 20 करोड़ लोगों को कार्ड आधार कार्ड मिल चुका है।
आधार कार्ड बनवाना बहुत जरूरी है। आधार कार्ड होने से सर्विस लेने से पहले हर बार पहचान के तौर पर डॉक्यूमेंट्स की कॉपी देने के झंझट से भी निजात मिल जाएगी। वेरिफिकेशन की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी। कहीं भी, कभी भी, किसी भी स्तर पर वेरिफिकेशन एक डेटा बेस से हो जाएगा। आधार कार्ड के होने पर दूसरे डॉक्यूमेंट को देने की जरूरत नहीं होगी। गरीब लोग काम की तलाश में जगह-जगह जाते हैं और उनके पास अपनी पहचान बताने का कोई जरिया नहीं होता। आधार कार्ड उनकी पहचान है। आधार कार्ड से वे बैंक में अपना खाता खुलवा सकते हैं। अपना पैसा खुद निकलवा सकते है।। रोजगार के लिए खुद को रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
आधार कार्ड मुफ्त में बनता है। आधार कार्ड बनाने के सेंटर पर पहचान और पते के सबूत के
तौर पर पैन कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, वाटर कार्ड आदि में से किसी एक की कॉपी जमा करने पर कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। गैजटेट ऑफिसर, एमएलए, एमपी, मेयर से आवेदन प्रमाणित कराया जा सकता है।आधार कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म में हर सूचना भरी जाएगी। फोटो देना होगा। आपके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। फॉर्म भरने के बाद उसे प्रिव्यू भी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे ठीक भी कर सकते हैं। आखिर में आपको एनरॉलमेंट नंबर दिया जाएगा। सामान्य प्रक्रिया के तहत एनरॉलमेंट होने के 60 से 90 दिनों में कार्ड मिल जाना चाहिए। कार्ड भेजने की जिम्मेदारी पोस्टल डिपार्टमेंट की होती है।
तौर पर पैन कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, वाटर कार्ड आदि में से किसी एक की कॉपी जमा करने पर कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। गैजटेट ऑफिसर, एमएलए, एमपी, मेयर से आवेदन प्रमाणित कराया जा सकता है।आधार कार्ड बनवाने के लिए फॉर्म में हर सूचना भरी जाएगी। फोटो देना होगा। आपके अंगूठे का निशान लिया जाएगा। फॉर्म भरने के बाद उसे प्रिव्यू भी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसे ठीक भी कर सकते हैं। आखिर में आपको एनरॉलमेंट नंबर दिया जाएगा। सामान्य प्रक्रिया के तहत एनरॉलमेंट होने के 60 से 90 दिनों में कार्ड मिल जाना चाहिए। कार्ड भेजने की जिम्मेदारी पोस्टल डिपार्टमेंट की होती है।
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