चंडीगढ़। हरियाणा में पिछले तीन माह से संघर्ष कर रहे पूर्व अस्थाई कंप्यूटर टीचरों को फिर से नौकरी दिए जाने का रास्ता साफ हो रहा है। सरकार ने इसके लिए रणनीति तैयार कर ली है। जिसे अगले सप्ताह अमली रूप दिया जा सकता है। सरकार ने संघर्षरत कर्मचारियों को नौकरी प्रदान किए जाने का मन बना लिया है।
बुनियादी ढांचे के अभाव में योजना सिरे नहीं चढ़ पाईहरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार ने अगस्त 2013 में प्रदेश के स्कूलों में कंप्यूटर लगाने तथा विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आउटसोर्सिंग के आधार पर कंप्यूटर अध्यापक भर्ती करने का ठेका दिया था। तत्कालीन सरकार ने नोएडा की श्रीराम न्यूओरीजन प्राईवेट लिमिटेड, दिल्ली की ट्रांसलाइन प्राईवेट लिमिटेड तथा चंडीगढ़ भूपिंद्रा एसोसिएट्स को हरियाणा के स्कूलों में कंप्यूटर लगाने तथा अध्यापकों को भर्ती करने का ठेका दिया था। जिसके चलते संबंधित कंपनियों ने प्रदेश में 2852 कंप्यूटर शिक्षकों को भर्ती करके विद्यार्थियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान करना शुरू किया था। बुनियादी ढांचे के अभाव में सरकार की यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई और संबंधित कंपनियों ने कंप्यूटर शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन एवं भत्तों की अदायगी पर रोक लगा दी। इस विवाद के चलते 19 जनवरी
2015 को संबंधित अस्थाई कंप्यूटर टीचर सडक़ों पर उतर आए और कंपनी तथा सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया। इस बीच सरकार ने बीती 22 मार्च को तीनों कंपनियों का अनुबंध रद्द कर दिया था। जिसके चलते कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाएं भी बंद हो गई। इसके बाद से कंप्यूटर टीचर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। नियमित नौकरी प्रदान करने की घोषणा कीसत्ता में आने से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज, रामबिलास शर्मा समेत कई नेताओं ने इन कंप्यूटर अध्यापकों के संघर्ष का खुला समर्थन करते हुए नियमित नौकरी प्रदान करने की घोषणा की थी। भाजपा की सरकार बने छह माह होने को हैं लेकिन कंप्यूटर टीचरों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इस संघर्ष के दौरान कंप्यूटर टीचरों पर कई बार लाठीचार्ज भी हो चुका है। भाजपा ने किया था वादास्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कंप्यूटर टीचरों के विषय पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल से बात की थी। जिन्होंने अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता को इस मामले का समाधान किए जाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। भाजपा ने चुनाव से पहले कंप्यूटर टीचरों के साथ उन्हें नौकरी दिए जाने का वादा किया था। सरकार ने संघर्षरत कंप्यूटर टीचरों की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि संभ्वत अगले सप्ताह होने वाली बैठक में इस संबंध में कोई ठोस निर्णय ले लिया जाएगा।
2015 को संबंधित अस्थाई कंप्यूटर टीचर सडक़ों पर उतर आए और कंपनी तथा सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू कर दिया। इस बीच सरकार ने बीती 22 मार्च को तीनों कंपनियों का अनुबंध रद्द कर दिया था। जिसके चलते कंप्यूटर शिक्षकों की सेवाएं भी बंद हो गई। इसके बाद से कंप्यूटर टीचर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। नियमित नौकरी प्रदान करने की घोषणा कीसत्ता में आने से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज, रामबिलास शर्मा समेत कई नेताओं ने इन कंप्यूटर अध्यापकों के संघर्ष का खुला समर्थन करते हुए नियमित नौकरी प्रदान करने की घोषणा की थी। भाजपा की सरकार बने छह माह होने को हैं लेकिन कंप्यूटर टीचरों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इस संघर्ष के दौरान कंप्यूटर टीचरों पर कई बार लाठीचार्ज भी हो चुका है। भाजपा ने किया था वादास्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कंप्यूटर टीचरों के विषय पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल से बात की थी। जिन्होंने अतिरिक्त प्रधान सचिव राकेश गुप्ता को इस मामले का समाधान किए जाने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। भाजपा ने चुनाव से पहले कंप्यूटर टीचरों के साथ उन्हें नौकरी दिए जाने का वादा किया था। सरकार ने संघर्षरत कंप्यूटर टीचरों की समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि संभ्वत अगले सप्ताह होने वाली बैठक में इस संबंध में कोई ठोस निर्णय ले लिया जाएगा।
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