नयी दिल्ली : एक जनवरी 2016 से लागू होने वाले सातवें वेतन
आयोग का लाभ केंद्र सरकार के करीब करीब 48 लाख कर्मचारियों
को मिलेगा । पांचवे व छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को देखते
हुए सातवां वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों के मूल वेतन में 40
से 50 प्रतिशत तक की बढोतरी हो सकती है । पांचवें वेतन आयोग के
बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब 50 प्रतिशत की बढोतरी हुई
थी जबकि छठे वेतन आयोग में ये वृद्धिद न्यूनतम 40 प्रतिशत थी।
सातवें वेतन आयोंग की सिफारिशें लागू करने से पहले केन्द्र सरकार ने
सभी राज्य सरकारों से कुछ बिन्दुओं पर सुझाव मांगे हैं। केंद्र सरकार
से कुछ राज्य सरकारों ने सातवां वेतन आयोग लागू करने के लिए
आर्थिक मदद की मांग करनी भी शुरू कर दी है।
30 हजार करोड़ रुपये का पड़ेगा बोझ
सातवें वित्त आयोग के लिए केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारों ने
भी तैयारी शुरू कर दी है । यूपी सरकार की ओर से वेतन आयोग के
लिए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी
नियुक्त किया गया है। अधिकारी बताते हैं कि छठे वेतन आयोग
की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुई थीं। जिसके बाद यूपी
सरकार पर करीब 15 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार आया
था। संभावना इस बात की
जताई जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार का बोझ 15 हजार करोड़ रूपये से बढ़ कर 30 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच जाएगा। 30 हजार करोड़ रूपये के अतिरिक्त बोझ का आकलन इस हिसाब से हो रहा है कि छठा वेतन आयोग जिस समय लागू हुआ उस समय महगाई दर 86प्रतिशत थी जो आज़ बढ़ कर 113 प्रतिशत हो गई है। इस लिए बनता है आयोग देश के विकास गति की वृद्धिय को देखते हुए ही वेतन आयोग का निर्धारण किया जाता है । सरकार का मानना है कि देश का जो विकास होता है उस विकास का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए । सरकार हर दसवें साल पर वेतन आयोग का गठन कर कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का निर्धारण करती है । पांचवा वेतन आयोग एक जनवरी 1996 को तथा छठा वेतन आयोग एक जनवरी 2006 को लागू हुआ था। सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू होगा। केन्द्र सरकार की ओर से कुछ बिन्दुओं पर जवाब माँगा गया था जो भेज दिया गया है । इसके अतिरिक्त केंद्र की ओर से सुझाव भी मांगा गया है । यूपी सरकार की ओर से केंद्र को कहा गया है कि पे कमिशन लागू करते हैं तो आर्थिक मदद भी दें, क्योकि राज्य पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा
जताई जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार का बोझ 15 हजार करोड़ रूपये से बढ़ कर 30 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच जाएगा। 30 हजार करोड़ रूपये के अतिरिक्त बोझ का आकलन इस हिसाब से हो रहा है कि छठा वेतन आयोग जिस समय लागू हुआ उस समय महगाई दर 86प्रतिशत थी जो आज़ बढ़ कर 113 प्रतिशत हो गई है। इस लिए बनता है आयोग देश के विकास गति की वृद्धिय को देखते हुए ही वेतन आयोग का निर्धारण किया जाता है । सरकार का मानना है कि देश का जो विकास होता है उस विकास का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए । सरकार हर दसवें साल पर वेतन आयोग का गठन कर कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का निर्धारण करती है । पांचवा वेतन आयोग एक जनवरी 1996 को तथा छठा वेतन आयोग एक जनवरी 2006 को लागू हुआ था। सातवां वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू होगा। केन्द्र सरकार की ओर से कुछ बिन्दुओं पर जवाब माँगा गया था जो भेज दिया गया है । इसके अतिरिक्त केंद्र की ओर से सुझाव भी मांगा गया है । यूपी सरकार की ओर से केंद्र को कहा गया है कि पे कमिशन लागू करते हैं तो आर्थिक मदद भी दें, क्योकि राज्य पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा
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