डॉ. सुरेंद्र धीमान. चंडीगढ़
शपथ पत्र के अनुसार मधुबन फारेंसिंक लैब से 778 टीचरों के अंगूठा निशान मेल नहीं खाने की रिपोर्ट मिली है। इनमें से 777 को कारण बताओ नोटिस जारी किए जिनमें से 727 हाईकोर्ट पहुंच गए। जस्टिस दया चौधरी की खंडपीठ ने रोक लगा दी। लैब ने गलती से अभिजीत के नाम के बजाय हरीश चंद्र नाम लिख दिया। गलती सुधारने को पत्राचार जारी है।
इनसेट
शपथ पत्र में कहा गया है कि 19 टीचरों ने अंगूठा निशान देकर इस्तीफा दे दिया। इनमें से तीन के निशान सही पाए गए, जबकि दो केनिशान आपस में मेल नहीं खाए। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। शेष 14 टीचरों के निशानों का आकलन नहीं हो सकता था। इसलिए उनके अंगूठा निशान दोबारा भेजे गए हैं।
तीन महीने पहले दिए शपथ पत्र में जानकारी दी गई कि स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को 8340 के नमूना हस्ताक्षर भेजे थे। उसमें से 7965 की रिपोर्ट मिली। जिसमें 1103 के निशानों का मिलान हो गया और 781 सही नहीं थे। शेष 6081 के निशान परखे नहीं जा सकते थे। अब ताजा शपथ पत्र में जानकारी दी गई कि 781 नहीं बल्कि 778 के मिलान नहीं हुए थे। लैब को 6081 के दोबार निशान भेजे, जिनमें से एक मार्च, 2015 को 327, 5 मार्च को 270, 28 मार्च को 1083 और एक अप्रैल को 393 की रिपोर्ट मिली है। इसके बाद 5 अप्रैल को एक रिपोर्ट और मिली है। इन रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है कि कितने मिलान सही हैं और कितने नहीं। चूंकि हाईकोर्ट ने सभी नमूनों की जांच के लिए दो महीने का समय दे रखा है इसलिए लैब से पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद फाइनल रिपोर्ट पेश की जाएगी।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से भर्ती किए गए जेबीटी टीचर मामले में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा में फर्जी प्रमाण पत्र लेने के मामले में 209 टीचरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है। उन्हें नोटिस थमा दिए हैं। मौलिक शिक्षा विभाग की महानिदेशक सुकृति लिखी ने गत 24 अप्रैल को हाईकोर्ट में हाजिर यह जानकारी दी है। हाईकोर्ट का आदेश अभी आना है।
दरअसल, जेबीटी टीचर भर्ती मामले में कुछ आवेदनकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि कुछ ऐसे आवेदकों का चयन हो गया है जो शिक्षक पात्रता परीक्षा में नहीं बैठे। कोर्ट ने उन सभी चयनित उम्मीदवारों के अंगूठा निशान के जांच करने के निर्देश दिए थे। यह जांच टुकड़ों में आ रही है। मौलिक शिक्षा विभाग के कई महानिदेशकों, निदेशकों ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिए हैं मगर कुछ न कुछ कमी रह जाती है। हाईकोर्ट ने अपडेट शपथ पत्र दायर करने के निर्देश दिए थे। महानिदेशक सुकृति लिखी ने शपथ पत्र में जानकारी दी, ‘209 जेबीटी टीचरों ने अपने अंगूठा निशान देने से पहले ही इस्तीफे दे दिए थे। पहले यह संख्या 199 दर्शायी गई थी जो गलत थी। वास्तव में 209 टीचरों ने निशान देने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। अब उन्हें नोटिस देकर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक केस किया जाए।
शपथ पत्र के अनुसार मधुबन फारेंसिंक लैब से 778 टीचरों के अंगूठा निशान मेल नहीं खाने की रिपोर्ट मिली है। इनमें से 777 को कारण बताओ नोटिस जारी किए जिनमें से 727 हाईकोर्ट पहुंच गए। जस्टिस दया चौधरी की खंडपीठ ने रोक लगा दी। लैब ने गलती से अभिजीत के नाम के बजाय हरीश चंद्र नाम लिख दिया। गलती सुधारने को पत्राचार जारी है।
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शपथ पत्र में कहा गया है कि 19 टीचरों ने अंगूठा निशान देकर इस्तीफा दे दिया। इनमें से तीन के निशान सही पाए गए, जबकि दो केनिशान आपस में मेल नहीं खाए। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। शेष 14 टीचरों के निशानों का आकलन नहीं हो सकता था। इसलिए उनके अंगूठा निशान दोबारा भेजे गए हैं।
तीन महीने पहले दिए शपथ पत्र में जानकारी दी गई कि स्टेट क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को 8340 के नमूना हस्ताक्षर भेजे थे। उसमें से 7965 की रिपोर्ट मिली। जिसमें 1103 के निशानों का मिलान हो गया और 781 सही नहीं थे। शेष 6081 के निशान परखे नहीं जा सकते थे। अब ताजा शपथ पत्र में जानकारी दी गई कि 781 नहीं बल्कि 778 के मिलान नहीं हुए थे। लैब को 6081 के दोबार निशान भेजे, जिनमें से एक मार्च, 2015 को 327, 5 मार्च को 270, 28 मार्च को 1083 और एक अप्रैल को 393 की रिपोर्ट मिली है। इसके बाद 5 अप्रैल को एक रिपोर्ट और मिली है। इन रिपोर्ट का आकलन किया जा रहा है कि कितने मिलान सही हैं और कितने नहीं। चूंकि हाईकोर्ट ने सभी नमूनों की जांच के लिए दो महीने का समय दे रखा है इसलिए लैब से पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद फाइनल रिपोर्ट पेश की जाएगी।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की तरफ से भर्ती किए गए जेबीटी टीचर मामले में हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा में फर्जी प्रमाण पत्र लेने के मामले में 209 टीचरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी है। उन्हें नोटिस थमा दिए हैं। मौलिक शिक्षा विभाग की महानिदेशक सुकृति लिखी ने गत 24 अप्रैल को हाईकोर्ट में हाजिर यह जानकारी दी है। हाईकोर्ट का आदेश अभी आना है।
दरअसल, जेबीटी टीचर भर्ती मामले में कुछ आवेदनकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि कुछ ऐसे आवेदकों का चयन हो गया है जो शिक्षक पात्रता परीक्षा में नहीं बैठे। कोर्ट ने उन सभी चयनित उम्मीदवारों के अंगूठा निशान के जांच करने के निर्देश दिए थे। यह जांच टुकड़ों में आ रही है। मौलिक शिक्षा विभाग के कई महानिदेशकों, निदेशकों ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिए हैं मगर कुछ न कुछ कमी रह जाती है। हाईकोर्ट ने अपडेट शपथ पत्र दायर करने के निर्देश दिए थे। महानिदेशक सुकृति लिखी ने शपथ पत्र में जानकारी दी, ‘209 जेबीटी टीचरों ने अपने अंगूठा निशान देने से पहले ही इस्तीफे दे दिए थे। पहले यह संख्या 199 दर्शायी गई थी जो गलत थी। वास्तव में 209 टीचरों ने निशान देने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। अब उन्हें नोटिस देकर पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक केस किया जाए।
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