चंडीगढ़। पहले स्पोर्ट्स कोटे की सीटें रद्द करने का मामला फिर
जेबीटी कैडर का रिक्रूटमेंट क्राइटेरिया में गड़बड़ी और अब जेबीटी व
टीजीटी कैडर के एग्जाम के रिजल्ट पर सवालिया निशान लग गए
हैं। यूटी एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से शहर के गवर्नमेंट स्कूलों के लिए
निकाली गईं टीचर्स की 1130 भर्तियों में एक के बाद एक धांधली
सामने आ रही है।
डिपार्टमेंट ने जिन जवाबों को जेबीटी एग्जाम में सही बताया।
टीजीटी एग्जाम में डिपार्टमेंट ने उन्हीं जवाबों को गलत करार
दिया है। गौरतलब है कि जेबीटी कैडर की 489 और टीजीटी कैडर
की 548 पोस्ट्स हैं। डिपार्टमेंट की गलतियों से 1037 पोस्ट्स का
रिजल्ट बदल सकता है। कारण यूटी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने जेबीटी और
टीजीटी का जो रिजल्ट निकाला है उनमें ऐसे तीन सवाल रहे,
जिनके जवाब दोनों में अलग-अलग हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि
डिपार्टमेंट इनमें से किसको सही मानता है।
ऐसे समझें गड़बड़ी
डिपार्टमेंट ने 31 जनवरी को जेबीटी और 1 फरवरी को टीजीटी
का एग्जाम लिया। जेबीटी के
पेपर 1 सेट “ए’ में जो सवाल आया वह इस प्रकार रहे। क्वेश्चन नंबर 90 में ऑप्शन नंबर 4 को, क्वेश्चन नंबर 92 में ऑप्शन नंबर 2 को और क्वेश्चन नंबर 96 में ऑप्शन नंबर 1 को सही माना गया है। यह सभी आंसर यूटी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने उस आंसर-की में बताए हैं, जिसे इसी साल फरवरी में अपलोड किया गया। इन 3 कारणों से क्वेश्चन होते कैंसिल डिपार्टमेंट ने पब्लिक नोटिस निकाल साफ किया किसी क्वेश्चन को अगर वह डिलीट करेंगे तो किन्हीं तीन कारणों से ऐसा होगा। 3 नंबर से रैंकिंग में 30 का पड़ेगा फर्क इस गड़बड़ी से जेबीटी और टीजीटी दोनों की मेरिट लिस्ट में फर्क पड़ेगा। जेबीटी की तो मेरिट लिस्ट पहले ही बन चुकी है, एेसे में इस लिस्ट में अगर किसी कैंडिडेट के तीन नंबर काे इधर उधर किया गया तो रैंकिंग में 30 का फर्क पड़ जाएगा। इसमें एक अच्छी बात यह है कि टीजीटी का रिजल्ट निकाला गया है लेकिन मेरिट लिस्ट अभी तैयार नहीं है। डीपीआई कमलेश कुमार भादू को लगातार कॉल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में एसएमएस का जवाब देते हुए लिखा कि "इट्स नॉट पॉसिबल’। फिर डिपार्टमेंट के ही ऑफिसर सुनील बेदी ने फोन करके कहा कि डीपीआई ने बात करने के लिए कहा है। बेदी को इस बारे में बताया गया और उन्होंने कि इस बारे में तो डीपीआई ही बता सकते है।
पेपर 1 सेट “ए’ में जो सवाल आया वह इस प्रकार रहे। क्वेश्चन नंबर 90 में ऑप्शन नंबर 4 को, क्वेश्चन नंबर 92 में ऑप्शन नंबर 2 को और क्वेश्चन नंबर 96 में ऑप्शन नंबर 1 को सही माना गया है। यह सभी आंसर यूटी एजुकेशन डिपार्टमेंट ने उस आंसर-की में बताए हैं, जिसे इसी साल फरवरी में अपलोड किया गया। इन 3 कारणों से क्वेश्चन होते कैंसिल डिपार्टमेंट ने पब्लिक नोटिस निकाल साफ किया किसी क्वेश्चन को अगर वह डिलीट करेंगे तो किन्हीं तीन कारणों से ऐसा होगा। 3 नंबर से रैंकिंग में 30 का पड़ेगा फर्क इस गड़बड़ी से जेबीटी और टीजीटी दोनों की मेरिट लिस्ट में फर्क पड़ेगा। जेबीटी की तो मेरिट लिस्ट पहले ही बन चुकी है, एेसे में इस लिस्ट में अगर किसी कैंडिडेट के तीन नंबर काे इधर उधर किया गया तो रैंकिंग में 30 का फर्क पड़ जाएगा। इसमें एक अच्छी बात यह है कि टीजीटी का रिजल्ट निकाला गया है लेकिन मेरिट लिस्ट अभी तैयार नहीं है। डीपीआई कमलेश कुमार भादू को लगातार कॉल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में एसएमएस का जवाब देते हुए लिखा कि "इट्स नॉट पॉसिबल’। फिर डिपार्टमेंट के ही ऑफिसर सुनील बेदी ने फोन करके कहा कि डीपीआई ने बात करने के लिए कहा है। बेदी को इस बारे में बताया गया और उन्होंने कि इस बारे में तो डीपीआई ही बता सकते है।
Tgt me in me we pahle 2 qus. cancel kite h or 3rd ko mark kiya h. Maximum participation at primary and secondary level is possible only through audio-visual method. Discussion method is good for higher education. So, audiovisual method is the right answer. JBT me b iska and. wrong h. Is ques me and. clear h, so cancel in kiya Jana chahiye. Diverse ability classroom wale ques. ka JBT ka ans. perfect h. Tgt me b isle marks Milne chahiye. Cause of failure verbal ability sahi javab h. JBT ka ans. Galat h. Most imp. reason communication h n ki knowledge. Bataiye primary level par bachche ko kitni knowledge denge, or kitna bachche teacher ko uljhate no. Hardly 1℅. Teacher ke communication ki vajah we, hi bachche unke fan note h ya unse nafarat/dar mankar unse bachte h yani class attend in karte.
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