Saturday, December 7, 2013

TIME LIMIT ME NAHI HOGA KAAM TO LAGEGA JURMANA


चंडीगढ़. अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरकारी कर्मचारियों को पब्लिक से जुड़े काम
30 दिन की तय अवधि में निपटाने ही होंगे।
नहीं तो उन्हें अपनी जेब से जुर्माना भरना पड़ेगा।
सभी महकमों में हर काम की अवधि तय
की जाएगी और अधिकतम समयसीमा 30 दिन।
अपने कर्मचारियों व अधिकारियों की मनमानी पर
अंकुश लगाने के लिए सरकार ने जवाबदेही कानून
का मसौदा तैयार कर लिया है।
इस ड्राफ्ट को 10 दिसंबर को हो रही कैबिनेट
की बैठक में मंजूरी दी जाएगी। फिर अगले सप्ताह


तक अध्यादेश जारी किया जा सकता है। संबंधित
विभागों के कर्मचारी-अधिकारी को तय समय में
काम नहीं होने का कारण बताना होगा। संतोषजनक
कारण नहीं होने पर उसके खिलाफ
कार्यवाही की जा सकेगी। सीएम भूपेंद्र सिंह
हुड्डा ने १0 नवंबर को गोहाना रैली में
जवाबदेही कानून बनाने की घोषणा की थी। ड्राफ्ट
को सीएम ने मोटे तौर पर मंजूरी दे दी है।
ऐसा ही कानून राजस्थान, मध्यप्रदेश व पंजाब में
भी लागू है। राजस्थान के लोक सेवाओं के प्रदान
की गारंटी कानून में 200 रुपए प्रतिदिन का प्रावधान
है।
पहले चरण में ये सेवाएं
कानून में सभी महकमों में हर काम
की अवधि निश्चित होगी। यह अधिकतम 30 दिन
होगी। पहले चरण में परिवहन, बिजली कंपनियां,
पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, नगर निगम, नगर परिषद, नगर
पालिका, पीएचईडी, स्वास्थ्य सेवाएं, वाणिज्य कर
विभाग, खान एवं खनन विभाग, पुलिस समेत कई
विभागों की सेवाएं अधिसूचित की जाएंगी।
अपील का प्रावधानत्नसमयसीमा में काम नहीं करने
पर 30 दिन के भीतर पहली अपील और उसके 30
दिन में दूसरी अपील की जा सकेगी। पहली अपील पर
अपीलीय अधिकारी को 30 दिन में
फैसला करना होगा। अगर वह बिना उचित कारण के
ऐसा नहीं कर पाता है तो उस पर भी 500 से
5000 रु. तक का जुर्माना किया जा सकेगा।
200 से 500 रुपया प्रतिदिन का जुर्माना तय
समय सीमा में काम नहीं करने पर प्रतिदिन के
हिसाब से जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यह
राशि आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई
जा सकेगी। सूत्रों के अनुसार एक्ट में फिलहाल २००
से 500 रु. तक प्रतिदिन जुर्माने का प्रावधान है।

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