दाखिले के नाम पर विद्यार्थियों से मोटी फीस वसूलने वाले निजी शिक्षण
महाविद्यालयों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है। शिक्षा विभाग ने डीएड
के लिए फीस का निर्धारण कर दिया है। विद्यार्थी को 25 हजार आठ सौ रुपए ही
देने होंगे। अगर कोई संस्थान अधिक फीस वसूलता है तो वह संस्थान के खिलाफ
विभाग को शिकायत कर सकता है। विभाग की ओर से जांच करने पर शिकायत सही पाई
जाती है तो संस्था की मान्यता तक रद्द हो सकती है। विभाग की ओर से इस बाबत
एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। यही नहीं आदेशों की पालना के लिए निर्देशों
की कॉपी डीएड करवाने वाली प्रदेश के तीनों विवि एमडीयू, केयू व चौधरी देवी
लाल
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, एनसीईआरटी की डायरेक्टर, डीईओ, सभी मौलिक जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट के सभी प्रिंसिपल को भोज दी गई है। निदेशक की ओर से यह भी कहा है कि किसी भी विद्यार्थी की शिकायत आने पर गंभीरता से लिया जाए।
इसलिए हो रही है सारी कवायद : राजकीय कॉलेजों में तय फीस को लेकर प्राब्लम नहीं है, लेकिन निजी कॉलेज फीस को लेकर जमकर मनमानी करते हैं। विद्यार्थियों से 40 से लेकर 60 हजार रुपए तक फीस वसूली जाती है। इस पर जब विभाग के पास शिकायत पहुंची तो उसे विभाग ने गंभीरता से लिया। भविष्य में ऐसा न हो, इसलिए अब यह व्यवस्था की जा रही है।
॥कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद फीस का निर्धारण किया गया है। यदि अब कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' सुरीना राजन, वित्तायुक्त, उच्चतर शिक्षा विभाग।
एनसीईआरटी ने डीएड की फीस तय करने के लिए 2010 में निर्देश दिए थे। शिक्षा विभाग ने एक कमेटी का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट अब शिक्षा विभाग को मिली है। रिपोर्ट मिलने के साथ ही शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन ने निर्धारित फीस पर मुहर लगा दी। यह नियम 2013-14 सत्र में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर लागू होगा, जो कोर्स पूरा होने तक 2015-16 तक रहेगा। बता दें कि इससे पहले करीब 18 हजार 400 रुपए की फीस तय की गई थी।
2010 में जारी हुए निर्देश, अब फीस तय
25 हजार 800 से ज्यादा नहीं ले सकते फीस
इस नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि अब प्राइवेट/सेल्फ फाइनेंस शिक्षण संस्थान डीएड के लिए वार्षिक फीस 25 हजार 800 से ज्यादा नहीं ले लेंगे। इसमें 20 हजार 200 रुपये ट्यूशन फीस और 5600 रुपये एनुअल चार्ज है। ट्यूशन फीस स्टूडेंट्स को चार तिमाही में देनी होगी, जबकि एनुअल चार्ज पहले सेमेस्टर के साथ जमा कराना होगा।V
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, एनसीईआरटी की डायरेक्टर, डीईओ, सभी मौलिक जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट के सभी प्रिंसिपल को भोज दी गई है। निदेशक की ओर से यह भी कहा है कि किसी भी विद्यार्थी की शिकायत आने पर गंभीरता से लिया जाए।
इसलिए हो रही है सारी कवायद : राजकीय कॉलेजों में तय फीस को लेकर प्राब्लम नहीं है, लेकिन निजी कॉलेज फीस को लेकर जमकर मनमानी करते हैं। विद्यार्थियों से 40 से लेकर 60 हजार रुपए तक फीस वसूली जाती है। इस पर जब विभाग के पास शिकायत पहुंची तो उसे विभाग ने गंभीरता से लिया। भविष्य में ऐसा न हो, इसलिए अब यह व्यवस्था की जा रही है।
॥कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद फीस का निर्धारण किया गया है। यदि अब कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।'' सुरीना राजन, वित्तायुक्त, उच्चतर शिक्षा विभाग।
एनसीईआरटी ने डीएड की फीस तय करने के लिए 2010 में निर्देश दिए थे। शिक्षा विभाग ने एक कमेटी का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट अब शिक्षा विभाग को मिली है। रिपोर्ट मिलने के साथ ही शिक्षा विभाग की वित्तायुक्त सुरीना राजन ने निर्धारित फीस पर मुहर लगा दी। यह नियम 2013-14 सत्र में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर लागू होगा, जो कोर्स पूरा होने तक 2015-16 तक रहेगा। बता दें कि इससे पहले करीब 18 हजार 400 रुपए की फीस तय की गई थी।
2010 में जारी हुए निर्देश, अब फीस तय
25 हजार 800 से ज्यादा नहीं ले सकते फीस
इस नोटिफिकेशन में साफ कहा गया है कि अब प्राइवेट/सेल्फ फाइनेंस शिक्षण संस्थान डीएड के लिए वार्षिक फीस 25 हजार 800 से ज्यादा नहीं ले लेंगे। इसमें 20 हजार 200 रुपये ट्यूशन फीस और 5600 रुपये एनुअल चार्ज है। ट्यूशन फीस स्टूडेंट्स को चार तिमाही में देनी होगी, जबकि एनुअल चार्ज पहले सेमेस्टर के साथ जमा कराना होगा।V
No comments:
Post a Comment