शिक्षा विभाग के एचटेट में आरक्षित वर्ग को मिलने वाली छूट को 5 फीसदी से
घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया है। शैलेंद्र के 12वीं कक्षा में 46 फीसदी अंक है।
इस नियम के मुताबिक 47.5 फीसदी अंक वाला उम्मीदवार ही एचटेट के लिए आवेदन
कर सकता है। शिक्षा विभाग के इस फैसले से प्रभावित होने वाला शैलेंद्र
अकेला उम्मीदवार नहीं है, बल्कि प्रदेश में ऐसे उम्मीदवारों की संख्या
हजारों में है,जो विभाग के इस फैसले के चलते एचटेट में आवेदन नहीं कर
सकेंगे।
जेबीटी व बीएड करो पर एचटेट नहीं
उम्मीदवारों में शिक्षा विभाग के इस नियम के प्रति खासा रोष है। उनका कहना है कि 47 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले छात्र जेबीटी या बीएड तो कर सकते हैं, लेकिन इस नियम के मुताबिक उन्हें एचटेट देने की अनुमति नहीं होगी। यह तो सरासर गलत नियम है। विभाग के इस नियम से वह उम्मीदवार कहां जाएंगे, जिन्होंने हजारों रुपये खर्च कर जेबीटी या बीएड कर ली। मगर इस नियम के चलते वह एचटेट में शामिल नहीं हो सकेंगे और बिना एचटेट पास किए वह सरकारी नौकरी के बारे में सोच भी नहीं सकते। उम्मीदवारों के मुताबिक आजकल मार्किंग सिस्टम के बदलाव के चलते छात्रों के अंक 99 फीसदी तक आ जाते है, लेकिन पहले यह सिस्टम नहीं था। पहले फस्र्ट डिवीजन ही लाना मुश्किल था। उम्मीदवारों का कहना है कि वह विभाग से मांग करते है कि वह इस नियम को वापस लें।
जेबीटी व बीएड करो पर एचटेट नहीं
उम्मीदवारों में शिक्षा विभाग के इस नियम के प्रति खासा रोष है। उनका कहना है कि 47 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले छात्र जेबीटी या बीएड तो कर सकते हैं, लेकिन इस नियम के मुताबिक उन्हें एचटेट देने की अनुमति नहीं होगी। यह तो सरासर गलत नियम है। विभाग के इस नियम से वह उम्मीदवार कहां जाएंगे, जिन्होंने हजारों रुपये खर्च कर जेबीटी या बीएड कर ली। मगर इस नियम के चलते वह एचटेट में शामिल नहीं हो सकेंगे और बिना एचटेट पास किए वह सरकारी नौकरी के बारे में सोच भी नहीं सकते। उम्मीदवारों के मुताबिक आजकल मार्किंग सिस्टम के बदलाव के चलते छात्रों के अंक 99 फीसदी तक आ जाते है, लेकिन पहले यह सिस्टम नहीं था। पहले फस्र्ट डिवीजन ही लाना मुश्किल था। उम्मीदवारों का कहना है कि वह विभाग से मांग करते है कि वह इस नियम को वापस लें।
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