Tuesday, February 4, 2014

GHS SCHOOLS PAR MANDRA RAHA KATHRA


चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी हाई स्कूलों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा अभी टला नहीं है। स्कूलों में थ्री टायर की जगह टू टायर प्रणाली लागू करने की कवायद शिक्षा विभाग में अंदरखाते चल रही है। शिक्षक संगठनों के विरोध पर विभाग ने बीते साल निर्णय टाल दिया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार फिर से विभाग इस पर विचार कर रहा है। टू टायर सिस्टम लागू होने पर राज्य में दो तरह के ही स्कूल होंगे। पहली से आठवीं कक्षा तक मिडिल स्कूल व नौवीं से बारहवीं तक के छात्र सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पढ़ाई करेंगे। उक्त प्रणाली में शिक्षा विभाग हाई स्कूलों का दर्जा बढ़ाकर उन्हें सीनियर सेकेंडरी कर देगा, इससे प्रदेश में हाई स्कूलों का अस्तित्व एक तरह से खत्म ही हो जाएगा। अभी प्रदेश में पंद्रह सौ के लगभग हाई स्कूल हैं। हालांकि प्रदेश में इस प्रणाली को लागू
करना इतना आसान नहीं होगा, चूंकि शिक्षक संगठन इसके विरोध में हैं। शिक्षक संगठनों के विरोध का सबसे बड़ा कारण टू टायर प्रणाली से शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ना बताया जा रहा है। इस बार भी करेंगे पुरजोर विरोध हरियाणा स्कूल अध्यापक संघ के अध्यक्ष वजीर सिंह कहते हैं कि थ्री टायर सिस्टम (प्राइमरी, मिडिल व हाई स्कूल) लागू होने पर प्रदेश के लगभग बीस हजार शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। सरकार शिक्षा का निजीकरण करने में जुटी हुई है। प्रदेश में कई स्कूल एनजीओ को चलाने के लिए ठेके पर दिए जा चुके हैं। टू टायर सिस्टम में विभाग इसे और बढ़ावा देगा।

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