चार नीतियों के तहत ही नियमित होंगे हरियाणा के कच्चे कर्मचारी
** विज्ञापित पद पर पारदर्शी चयन, तो नौकरी पक्की
** बिना विज्ञापित पदों पर दस साल कार्यकाल वाले होंगे पक्के
** आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए रखे 10साल पुराने कर्मियों को लाभ
** दस साल पुराने कंप्यूटर आपरेटरों की भी नौकरी पक्की होगी
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार की चार अलग-अलग रेगुलराइजेशन नीतियों के तहत प्रदेश के दैनिक वेतनभोगी और कांट्रैक्ट वाले कर्मचारी रेगुलर होंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के प्रधान सचिव एसएस ढिल्लों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंजाब की रेगुलराइजेशन पालिसी की तर्ज पर हरियाणा सरकार अपनी नीति बनाएगी।
इसके अधीन पहली नीति के तहत उन तीन साल तक की सेवा करने वाले दैनिक वेतनभोगी और कांट्रैक्ट वाले कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, जिनकी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हुई हो। यानी उनकी नियुक्ति इन स्थायी पदों पर हुई हो। ये स्थायी पद विज्ञापित हुए होने चाहिए और उनका चयन विभागीय समिति के जरिए हुआ होना चाहिए। इस नीति के तहत आईटीआई
में कार्यरत इंस्ट्रक्टर नियमित हो सकेंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्कूलों में कार्यरत कोई भी गेस्ट टीचर किसी भी नीति के तहत रेगुलर नहीं होगा। ढिल्लों ने बताया कि दूसरी नीति के अनुसार उन कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, जिन्हें नियुक्त हुए 10 साल हो गए हैं। वे जिन स्थायी पदों पर काम कर रहे हैं, वे विज्ञापित नहीं हुए थे। इसमें कर्नाटक बनाम एमएल केसरी मामले में अदालत का फैसला लागू होगा। इसमें भी कार्यरत कर्मचारी विभाग ने ही रखे हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो काम आउटसोर्सिंग के जरिए कराया जा रहा है और उसमें कर्मचारी ठेकेदार ने रखे हुए हैं, वे नियमित नहीं होंगे। अगर विभाग, बोर्ड या निगम ने किसी स्थायी पद पर आउटसोर्सिंग एजेंसी से कर्मचारी रखा हुआ है, तो वह रेगुलर होगा। उन्होंने बताया कि वे कंप्यूटर ऑपरेटर पक्के होंगे, जिन्हें रिक्त स्थायी पद पर 10 वर्ष हो गए हैं। तीसरी नीति के अनुसार प्रदेश सरकार की वर्ष 1993, 1996 व 2003 की रेगुलराइजेशन पालिसी के अनुसार नियमित होने से वंचित हुए सब कर्मचारियों को संबंधित नीति के अनुसार नियमित किया जाएगा। चौथी नीति वर्ष 2011 की अपनाई जाएगी। इस रेगुलराइजेशन पालिसी में भी संशोधन कर उन कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, जिन्हें स्थाई पदों पर दस साल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल की रेगुलराइजेशन पालिसी मुख्य सचिव कार्यालय जल्द जारी करेगा।
में कार्यरत इंस्ट्रक्टर नियमित हो सकेंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्कूलों में कार्यरत कोई भी गेस्ट टीचर किसी भी नीति के तहत रेगुलर नहीं होगा। ढिल्लों ने बताया कि दूसरी नीति के अनुसार उन कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, जिन्हें नियुक्त हुए 10 साल हो गए हैं। वे जिन स्थायी पदों पर काम कर रहे हैं, वे विज्ञापित नहीं हुए थे। इसमें कर्नाटक बनाम एमएल केसरी मामले में अदालत का फैसला लागू होगा। इसमें भी कार्यरत कर्मचारी विभाग ने ही रखे हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो काम आउटसोर्सिंग के जरिए कराया जा रहा है और उसमें कर्मचारी ठेकेदार ने रखे हुए हैं, वे नियमित नहीं होंगे। अगर विभाग, बोर्ड या निगम ने किसी स्थायी पद पर आउटसोर्सिंग एजेंसी से कर्मचारी रखा हुआ है, तो वह रेगुलर होगा। उन्होंने बताया कि वे कंप्यूटर ऑपरेटर पक्के होंगे, जिन्हें रिक्त स्थायी पद पर 10 वर्ष हो गए हैं। तीसरी नीति के अनुसार प्रदेश सरकार की वर्ष 1993, 1996 व 2003 की रेगुलराइजेशन पालिसी के अनुसार नियमित होने से वंचित हुए सब कर्मचारियों को संबंधित नीति के अनुसार नियमित किया जाएगा। चौथी नीति वर्ष 2011 की अपनाई जाएगी। इस रेगुलराइजेशन पालिसी में भी संशोधन कर उन कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा, जिन्हें स्थाई पदों पर दस साल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल की रेगुलराइजेशन पालिसी मुख्य सचिव कार्यालय जल्द जारी करेगा।
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