पानीपत: नई दिल्ली में जंतर मंतर पर नियमितीकरण के लिए आमरण अनशन कर रहे अतिथि अध्यापकों की मांग प्रदेश सरकार ने मान ली है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने अतिथि अध्यापकों को भरोसा दिलाया है कि इस मामले में जल्द ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 1मुख्यमंत्री ने अतिथि अध्यापकों से कहा कि उन्हें पक्का करने के पक्ष में राज्य सरकार पहले से है, लेकिन इसमें कानूनी पेचीदगियां सामने आ रही हैं, जिनके चलते निर्णय नहीं लिया जा सका। अतिथि अध्यापकों व मुख्यमंत्री के बीच समझौता वार्ता करीब सात बजे नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में शुरू हुई। करीब 40 मिनट तक चली समझौता वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने अतिथि अध्यापकों से अनुरोध किया कि वह अपने अनशन को खत्म कर दें। राज्य सरकार कानून का दायरे में जो भी बन सकेगा, वह बजट सत्र के दौरान हर हाल में करेगी, बशर्ते कि विपक्ष अतिथि अध्यापकों को पक्का करने का समर्थन करे। मुख्यमंत्री के इस भरोसे के बाद अतिथि अध्यापक आमरण अनशन खत्म करने पर राजी हो गए। मुख्यमंत्री से वार्ता करने आए 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हुड्डा से अनुरोध किया कि वह स्वयं जंतर मंतर पर पहुंचकर 15 दिन से अनशन कर रहे अतिथि अध्यापकों को जूस पिलवाएं, जिसे हुड्डा ने स्वीकार कर लिया और वह करीब सवा आठ बजे जंतर मंतर पहुंचे तथा उनको जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया। 1हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री व धर्मबीर कौशिक का कहना है कि सरकार के साथ उनकी वार्ता सकारात्मक रही है। उन्हें मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है। वह उनकी मांग को पूरा करेंगे। अगर सरकार की मंशा अतिथि अध्यापकों को पक्का करने की हुई तो इसी बजट सत्र में उसका परिणाम सामने आ जाएगा। अन्यथा अतिथि अध्यापक दोबारा से आंदोलन को बाध्य होंगे(BY जागरण न्यूज नेटवर्क)
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