राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : प्रदेश के अतिथि अध्यापकों ने नियमितीकरण की मांग पूरी कराने के लिए आंदोलन को तेज कर दिया है। एक और जहां जंतर-मंतर पर 11 शिक्षक नौ दिन से आमरण अनशन कर रहे हैं, वहीं सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। सोमवार को उन्हें सामूहिक अवकाश लेकर प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों के घरों के बाहर प्रदर्शन कर उनके पुतले जलाए। मंगलवार को भी गेस्ट टीचर सामूहिक अवकाश पर रहकर कांग्रेस विधायकों के आवास के बाहर धरना देंगे।1 नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर आमरण अनशन कर रहे गेस्ट टीचर टीचर ने स्पष्ट कर दिया है कि वे बिना आंदोलन खत्म किए ही मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। बीते रविवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने आमरण अनशन खत्म कर गेस्ट टीचर्स को सोमवार को साढ़े बारह बजे वार्ता के आने का न्योता दिया था। मगर वे अपने फैसले पर अडिग रहे। हालांकि नई दिल्ली स्थित मुख्यमंत्री निवास पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों ने जंतर-मंतर
पहुंचकर शिक्षकों को वार्ता के लिए मनाने का प्रयास भी किया। 1गेस्ट टीचर्स ने उन्हें दो टूक कह दिया कि अनशन पर रहकर ही वे बातचीत करेंगे, चूंकि अगर अब उनकी मांग नहीं मानी गई तो कभी पूरी नहीं होगी। उधर, चार गेस्ट टीचर्स सुनीता मलिक, निष्ठा चौधरी, प्रीतम सिंह व दलवीर दहिया की हालत अधिक नाजुक हो गई है। वजन गिरने व रक्त चाप बढ़ने से चारों शिक्षक बेहोशी की हालत में है। प्रदेश का खुफिया विभाग आमरण अनशन कर रहे गेस्ट टीचर्स पर पैनी नजर बनाए हुए है, पल-पल की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है। चूंकि अप्रिय घटना की स्थिति में गेस्ट टीचर्स का आंदोलन बेकाबू हो सकता है। 1हिसार मंडल के साढ़े चार हजार अतिथि अध्यापक सोमवार को स्कूलों से नदारद रहे। कक्षाओं का बहिष्कार कर अध्यापक क्रांतिमान पार्क में इकट्ठे हुए। यहां से प्रदर्शन करते हुए विधायकों एवं मंत्री के आवास पर पहुंचे। हालांकि तीनों ही आवास पर नहीं मिले लेकिन परिजनों व कर्मचारियों ने फोन के जरिए उनकी बात अध्यापकों से करवाई। विधायकों ने उनकी मांग को सुना और विधानसभा सत्र में उठाने के साथ पूरा कराने का आश्वासन दिया। अतिथि अध्यापक विधायक प्रो. संपत सिंह के आवास पर पहुंचे। वहां वे तो नहीं मिले लेकिन उनकी धर्मपत्नी अध्यापकों से रूबरू हुईं। 1यहां भी फोन के जरिये विधायक प्रो. सिंह ने उनकी मांग पर सुध लेने का आश्वासन दिया। मंत्री सावित्री भी आवास पर नहीं थीं। उनके यहां मौजूद कर्मचारियों ने अध्यापकों से ज्ञापन ले लिया और मंत्री तक पहुंचाने की बात कही। यहां से अध्यापकों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
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