बठिंडा त्न चार दिन से धरने पर बैठी एक टीचर की 14 माह की बच्ची की सर्दी की वजह से मौत हो गई है। घटना मोगा जिले की है। शिक्षिका किरणजीत कौर ईजीएस के तहत काम करती है। पक्की नौकरी के लिए वह साथियों के साथ धरने पर बैठी थी।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि किरणजीत की बेटी रुथ की मौत का जिम्मेदार प्रशासन है। रविवार को सर्दी से बचाने के लिए सामाजिक संगठन रजाइयां व कंबल बांटने आए थे। प्रशासन ने उन्हें सामाजिक संगठनों से मदद नहीं लेने दी। पुलिस रजाइयां तक उठाकर ले गई थी। उसके बाद ही रुथ की तबीयत बिगड़ी थी। तीन दिन
पहले उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था। गुरुवार सुबह उसकी मौत हो गई।
बालियां बेचकर ईटीटी की, नौकरी नहीं मिली
किरणजीत कौर ने बताया कि 2003 में उसकी भर्ती हुई थी। बाद में सरकार ने कई लोगों को निकाल दिया। संघर्ष करने पर सरकार ने आश्वासन दिया कि ईटीटी (एलीमेंट्री टीचर्स ट्रेनिंग) कर लो। सरकारी नौकरी दे देंगे। सोने की बालियां बेचकर ईटीटी में दाखिला लिया। अब सरकार नौकरी देने से मुकर गई है।
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