चंडीगढ़। हरियाणा सरकार के अफसर अब अपने राजनेताओं या वरिष्ठ अफसरों के लिखित हुकम ही मानेंगे। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपने आल इंडिया सर्विस के अफसरों को निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य सचिव एससी चौधरी की तरफ से सब आईएएस अफसरों को गत 28 जनवरी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के टीआर सुब्रमणयम मामले में जो फैसला दिया था, उसकी कठोरता से पालना की जाए। उन्होंने अफसरों को आल इंडिया सर्विस (कंडक्ट) रूल्स, 1968 की धारा 3 (3) बताते हुए कहा कि कोई भी आईएएस अपनी सरकारी ड्यूटी के दौरान अपनी शक्तियों का इस्तेमाल अपनी समझ से ऐसा सही निर्णय
करेगा जो सच्चा और ठीक हो सिवाय जब वह किसी वरिष्ठ के निर्देश पर काम कर रहा हो।
वरिष्ठ के निर्देश सामान्य तौर पर लिखित में होंगे। अगर ऐसी असमान्य स्ेिथति पैदा हो जाए कि मौखिक आदेश जरूरी हों तो वरिष्ठ उसके फौरन बाद लिखित में अपने आदेश कन्फर्म करेगा। जो अफसर अपने वरिष्ठ से मौखिक आदेश लेगा, वह तुरंत उसे लिखित में कन्फर्म करवाएगा। यह वरिष्ठ की ड्यूटी होगी कि वह अपने दिए हुए मौखिक आदेश को लिखित में कन्फर्म करेगा। वरिष्ठ में वरिष्ठ अफसर या अथॉरिटी शामिल हैं।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि अगर कोई अफसर आदतन अपना काम दिए हुए समय में नहीं करेगा तो उसे ड़्यूटी के प्रति समर्पण भावना में कमी माना जाएगा। अगर अफसर के पास शक्तियां होंगी और किसी भी वरिष्ठ अफसर या अथॉरिटी से निर्देश लेने की जरूरत नहीं होगी तो वह अफसर अपनी जिम्मेवारी से नहीं बच सकेगा।
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