Sunday, March 29, 2015

REGULARISATION POLICY SAHI NAHI HAI:AG HARYANA

डॉ. सुरेन्द्र धीमान,अमर उजाला चंडीगढ़ : पिछली सरकार के समय जब रेगुलराइजेशन पालिसी का ड्राफ्ट तैयार हुआ था, तब विधि परामर्शी ने भी उस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण सवाल उठाए थे। इसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक में पालिसी मंजूर होने के बाद जब फाइनल पालिसी जारी होनी थी, तब भी इसका विरोध किया गया था। पिछली सरकार ने मई और जून, 2014 में रेगुलराइजेशन पालिसी जारी की थी। इन पालिसी के तहत बोडरें, निगमों और सरकारी विभागों में करीब 5000 कच्चे कर्मचारी रेगुलर हुए थे। हालांकि वास्तविक संख्या का पता लगाया जा रहा है। अगर पालिसी रद हुई तो कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। सरकार के जाने से चंद महीने और दिन पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार ने जिन रेगुलराइजेशन पालिसी के जरिए 3 से 10 साल तक के कच्चे कर्मचारियों को रेगुलर करने का फैसला किया था, उन पर मौजूदा एडवोकेट जनरल ने सवाल खड़े
कर दिए हैं। इस कानूनी राय के बाद अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार ने फैसला करना है कि इन पालिसी को रद्द किया जाए या नहीं। सूत्रों के मुताबिक 5 नवंबर, 2014 और 25 नवंबर, 2014 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में हुई मंत्रिमंडल की बैठकों में फैसला किया था कि 16 मई, 2014 के बाद बनाई गई रेगुलराइजेशन पालिसी पर एडवोकेट जनरल की राय ली जाए। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने सरकार को 34 पेज की कानूनी राय में कहा है कि पिछली सरकार के समय जो नियमित करने की नीतियां बनाई गई थी, उन्हें कानूनी रूप से वैध नहीं ठहराया जा सकता। एजी ने कानूनी राय में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम कर्नाटक मामले में साफ-साफ लिखा है कि नौकरियों में समानता का अधिकार होना चाहिए। बैकडोर एंट्री नहीं होनी चाहिए। अलबत्ता, 10 अप्रैल, 2006 तक जिन स्वीकृत पदों पर नियमानुसार कच्चे कर्मचारी रखे हुए हैं और 10 अप्रैल को उन्हें 10 साल सेवा में हो गए हैं, उन्हें छह महीने के भीतर नीति बनाकर रेगुलर किया जा सकता है। मगर 10 अप्रैल, 2006 के बाद किसी भी सरकारी विभाग, बोर्ड या निगम में कच्चे कर्मचारी नहीं रखे जाएंगे। सरकार रेगुलर भर्ती ही करेगी। एडवोकेट जनरल ने राय में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा सरकार ने 2011 में रेगुलराइजेशन पालिसी जारी की जिसके तहत कच्चे कर्मचारी रेगुलर किए गए। अब 2014 में जारी की गई रेगुलराइजेशन पालिसी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। मंत्रिमंडल की बैठक में होगा फैसला-- "रेगुलराइजेशन पालिसी पर एडवोकेट जनरल की राय मिल गई है। उनकी राय सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों पर आधारित है। एजी की राय पर अंतिम फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा।" -डीएस ढेसी, मुख्य सचिव, हरियाणा

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