Rajesh Nagar RajeshLecturer
आज तक गेस्ट टीचर्स रेगुलर नहीं हो पाये, इसमें सबसे बड़ी बाधा :-
1. अधिकतर गेस्ट टीचर गावों के बिलकुल सामान्य परिवारों से हैं।
2. गेस्ट टीचर्स किसी भी राजनेता से जुड़े हुए नहीं हैं।
3. गेस्ट टीचर्स की भर्ती बिना किसी सिफारिश या राजनितिक दखलअंदाजी के हुई थी।
4. जिसने भी गेस्ट टीचर के लिए आवेदन किया या ज्वाइन किया वो वही टीचर्स थे जिन्हें नोकरी की उस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी।
5. क्योकि गेस्ट टीचर्स को पीरियड के हिसाब से पैसे मिलते थे इसलिए कुछ अति-बुद्धिमान लोगों ने इस नौकरी को अपने लायक नहीं समझा, जो बाद में गेस्ट टीचर्स के सामने एक बड़ी बाधा साबित हुए।
6. क्योकि उस समय जितने भी आवश्यक शैक्षणिक योग्यता रखने वाले टीचर्स उपलब्ध थे, उन सबने गेस्ट टीचर्स की नौकरी स्वीकार कर ली थी । अत: प्राइवेट स्कूलों में योग्य अध्यापकों का टोटा पड़ गया। उन स्कूलों से सम्बंधित लोग भी बाद में गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण ने बाधा बने।
7. गेस्ट टीचर्स ने अपनी मेहनत के बलबूते अन्य साथी अध्यापकों के सहयोग से स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के हर-सम्भव प्रयास किये, जिसको विभाग के कर्मठ नियमित अध्यापकों ने भी सराहा। लेकिन कुछ अध्यापकों को ये नही भाया, उन्होने भी गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण में बाधा उतपन्न की ।
8. गेस्ट टीचर्स में लगभग सभी ऐसे टीचर्स है जो लम्बे समय से सरकारी नौकरी की आस में थे क्योकि इनकी कोई सिफारिश या राजनितिक पहुँच नहीँ थी। इसलिए आज तक किसी राजनेता ने भी सच्चे दिल से गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण के लिए प्रयास नहीं किये।
आज तक गेस्ट टीचर्स रेगुलर नहीं हो पाये, इसमें सबसे बड़ी बाधा :-
1. अधिकतर गेस्ट टीचर गावों के बिलकुल सामान्य परिवारों से हैं।
2. गेस्ट टीचर्स किसी भी राजनेता से जुड़े हुए नहीं हैं।
3. गेस्ट टीचर्स की भर्ती बिना किसी सिफारिश या राजनितिक दखलअंदाजी के हुई थी।
4. जिसने भी गेस्ट टीचर के लिए आवेदन किया या ज्वाइन किया वो वही टीचर्स थे जिन्हें नोकरी की उस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी।
5. क्योकि गेस्ट टीचर्स को पीरियड के हिसाब से पैसे मिलते थे इसलिए कुछ अति-बुद्धिमान लोगों ने इस नौकरी को अपने लायक नहीं समझा, जो बाद में गेस्ट टीचर्स के सामने एक बड़ी बाधा साबित हुए।
6. क्योकि उस समय जितने भी आवश्यक शैक्षणिक योग्यता रखने वाले टीचर्स उपलब्ध थे, उन सबने गेस्ट टीचर्स की नौकरी स्वीकार कर ली थी । अत: प्राइवेट स्कूलों में योग्य अध्यापकों का टोटा पड़ गया। उन स्कूलों से सम्बंधित लोग भी बाद में गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण ने बाधा बने।
7. गेस्ट टीचर्स ने अपनी मेहनत के बलबूते अन्य साथी अध्यापकों के सहयोग से स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के हर-सम्भव प्रयास किये, जिसको विभाग के कर्मठ नियमित अध्यापकों ने भी सराहा। लेकिन कुछ अध्यापकों को ये नही भाया, उन्होने भी गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण में बाधा उतपन्न की ।
8. गेस्ट टीचर्स में लगभग सभी ऐसे टीचर्स है जो लम्बे समय से सरकारी नौकरी की आस में थे क्योकि इनकी कोई सिफारिश या राजनितिक पहुँच नहीँ थी। इसलिए आज तक किसी राजनेता ने भी सच्चे दिल से गेस्ट टीचर्स के नियमितीकरण के लिए प्रयास नहीं किये।
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