सीएम को घास पर चादर बिछा कर चैन की नींद नहीं लेने देंगे
रोजगार का दिया वास्ता
आंदोलन|सेक्टर-12 में अतिथि अध्यापकों ने भरी हुंकार-हमारे साथ धोखा हुआ तो मुंहतोड़ जवाब देंगे
भास्कर न्यूज | करनाल   अपनारोजगार छीने जाने की आहट से अतिथि अध्यापकों में गहरा रोष व्याप्त है। रोजगार बचाने के लिए प्रदेशभर के अतिथि अध्यापकों ने कर्ण की धरा से सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। अध्यापक नेताओं ने ऐलान किया कि अगर इस बार उनके साथ धोखा हुआ तो तुरंत मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। अगर सरकार ने अतिथि अध्यापकों को नियमित नहीं किया तो मुख्यमंत्री को हरी-हरी घास पर चद्दर बिछाकर चैन की नींद नहीं लेेने देंगे। सेक्टर-12 हुडा ग्राउंड में सुबह 10 बजे ही अतिथि अध्यापकों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। दोपहर 12 बजे तक पंडाल पूरी तरह फुल हो गया था। पंडाल कम पड़ने पर उसे बढ़वाया
गया। अतिथि अध्यापकों के रोजगार बचाओ वादा निभाओ महारैली में महिला अतिथि अध्यापक भी बराबर की संख्या में पहुंची। दर्जनों महिलाएं छोटे बच्चों को साथ लिए हुई थीं। अतिथि अध्यापकों ने चंडीगढ़ में शिक्षामंत्री के साथ बातचीत होने तक रैली स्थल पर ही पड़ाव डाल दिया। रात को भी पंडाल में एकता के नारे गुंजायमान रहे। अध्यापकों के संघर्ष की दहाड़ का असर चंडीगढ़ पहुंच गया। जहां अतिथि अध्यापकों को चंडीगढ़ में सीएम मनोहरलाल के साथ वार्ता का निमंत्रण मिला। इसके साथ ही रात नौ बजे अध्यापकों ने कैंडल जलाकर सरकार से न्याय करने का आह्वान किया। कैंडल प्रदर्शन में अतिथि अध्यापकों के साथ आए बच्चों ने भी कैंडल जलाई। बच्चों को खिलाया खाना महिलाअध्यापकों ने दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। एक तो संघर्ष में पुरुष टीचरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं इसके बाद रात को पड़ाव के दौरान पहले बच्चों को खिलाया। इसके बाद स्वयं को मौका लगा तो कुछ खाया नहीं तो बहुत से टीचर ऐसे ही रह गए। निर्मलकुटिया में शांत की भूख : अतिथिअध्यापकों ने निर्मल कुटिया में लंगर चखकर अपनी भूख को शांत किया। लेकिन बहुत से टीचर ऐसे भी रहे, जिन्होंने आस-पास लगी रेहडिय़ों को फास्ट फूड से गुजारा किया। एट-एटाइम लगवाई लाइटें : रैलीस्थल पर गेस्ट टीचरों ने एट टाइम लाइटें लगवाई। पीने के पानी की व्यवस्था कराई गई। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से भी पानी का एक टेंकर भेजा गया। सीएमके सामने रखेंगे बात : विधायकहरविंद्र कल्याण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कल अतिथि अध्यापकों की शिक्षामंत्री के साथ बातचीत होनी है। इस मामले को लेकर सीएम खुद गंभीर हैं। 12 बजे सीएम की कैबिनेट विधायक दल के साथ वार्ता होनी है। वे अपनी तरफ से उनकी बात को सीएम के सामने रखेंगे। पुलिस-प्रशासनरहा चौकस : अतिथिअध्यापकों के रोष के मद्देनजर पुलिस प्रशासन दिनभर चौकन्ना रहा। कई स्थानों पर पुलिस ने बैरिकेड्स रखकर कानून व्यवस्था बनाए रखने की तैयार की थी। लेकिन अध्यापकों से टकराने के मूड में प्रशासन नहीं थी। इसलिए एसपी डीसी खुद रैली स्थल पर जाकर बातचीत का निमंत्रण दिया। 518 अतिथि अध्यापकों का रोजगार पहले मंचसे यह भी ऐलान हुआ कि अतिथि अध्यापकों को नियमित करने में सबसे पहले उन 518 गेस्ट टीचरों के रोजगार की बहाली उनकी मांग है, जिनको जांच पड़ताल के नाम पर निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि 15,993 अतिथि अध्यापक और उनके परिवार पिछले नौ साल से टेंशन झेल रहे हैं। जिला प्रधान नरिंद्र संधू ने कहा कि सरकार के पास 25 हजार अध्यापकों की रिक्तियां हैं, जबकि 4073 गेस्ट टीचरों को सरप्लस बताया जा रहा है। प्रदेशाध्यक्ष ने संघर्ष को मजबूत बनाए रखने के लिए अतिथि अध्यापकों को कहा कि जो अपने रोजगार के प्रति समर्पित हैं और जो अपने बाप की असल औलाद हैं वे मंगलवार को बातचीत होने तक इसी हुडा ग्रांउड में डटे रहेंगे। इस पर सभी ने हाथ उपर उठाकर उनकी बात का समर्थन किया। प्रमोशन में आरक्षण तो यह क्यो नहीं जबसरकार ने कोर्ट के फैसले के बावजूद प्रमोशन में आरक्षण दे दिया तो फिर अतिथि अध्यापकों को बिल पास करके पक्का क्यों नहीं किया जाता। पहली सरकार ने तो अतिथि अध्यापकों से धोखा किया है कि अब यह सरकार भी उनको लूटने पर लगी है।
भास्कर न्यूज | करनाल   अपनारोजगार छीने जाने की आहट से अतिथि अध्यापकों में गहरा रोष व्याप्त है। रोजगार बचाने के लिए प्रदेशभर के अतिथि अध्यापकों ने कर्ण की धरा से सरकार के खिलाफ हुंकार भरी। अध्यापक नेताओं ने ऐलान किया कि अगर इस बार उनके साथ धोखा हुआ तो तुरंत मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। अगर सरकार ने अतिथि अध्यापकों को नियमित नहीं किया तो मुख्यमंत्री को हरी-हरी घास पर चद्दर बिछाकर चैन की नींद नहीं लेेने देंगे। सेक्टर-12 हुडा ग्राउंड में सुबह 10 बजे ही अतिथि अध्यापकों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। दोपहर 12 बजे तक पंडाल पूरी तरह फुल हो गया था। पंडाल कम पड़ने पर उसे बढ़वाया
गया। अतिथि अध्यापकों के रोजगार बचाओ वादा निभाओ महारैली में महिला अतिथि अध्यापक भी बराबर की संख्या में पहुंची। दर्जनों महिलाएं छोटे बच्चों को साथ लिए हुई थीं। अतिथि अध्यापकों ने चंडीगढ़ में शिक्षामंत्री के साथ बातचीत होने तक रैली स्थल पर ही पड़ाव डाल दिया। रात को भी पंडाल में एकता के नारे गुंजायमान रहे। अध्यापकों के संघर्ष की दहाड़ का असर चंडीगढ़ पहुंच गया। जहां अतिथि अध्यापकों को चंडीगढ़ में सीएम मनोहरलाल के साथ वार्ता का निमंत्रण मिला। इसके साथ ही रात नौ बजे अध्यापकों ने कैंडल जलाकर सरकार से न्याय करने का आह्वान किया। कैंडल प्रदर्शन में अतिथि अध्यापकों के साथ आए बच्चों ने भी कैंडल जलाई। बच्चों को खिलाया खाना महिलाअध्यापकों ने दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। एक तो संघर्ष में पुरुष टीचरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलीं इसके बाद रात को पड़ाव के दौरान पहले बच्चों को खिलाया। इसके बाद स्वयं को मौका लगा तो कुछ खाया नहीं तो बहुत से टीचर ऐसे ही रह गए। निर्मलकुटिया में शांत की भूख : अतिथिअध्यापकों ने निर्मल कुटिया में लंगर चखकर अपनी भूख को शांत किया। लेकिन बहुत से टीचर ऐसे भी रहे, जिन्होंने आस-पास लगी रेहडिय़ों को फास्ट फूड से गुजारा किया। एट-एटाइम लगवाई लाइटें : रैलीस्थल पर गेस्ट टीचरों ने एट टाइम लाइटें लगवाई। पीने के पानी की व्यवस्था कराई गई। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से भी पानी का एक टेंकर भेजा गया। सीएमके सामने रखेंगे बात : विधायकहरविंद्र कल्याण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कल अतिथि अध्यापकों की शिक्षामंत्री के साथ बातचीत होनी है। इस मामले को लेकर सीएम खुद गंभीर हैं। 12 बजे सीएम की कैबिनेट विधायक दल के साथ वार्ता होनी है। वे अपनी तरफ से उनकी बात को सीएम के सामने रखेंगे। पुलिस-प्रशासनरहा चौकस : अतिथिअध्यापकों के रोष के मद्देनजर पुलिस प्रशासन दिनभर चौकन्ना रहा। कई स्थानों पर पुलिस ने बैरिकेड्स रखकर कानून व्यवस्था बनाए रखने की तैयार की थी। लेकिन अध्यापकों से टकराने के मूड में प्रशासन नहीं थी। इसलिए एसपी डीसी खुद रैली स्थल पर जाकर बातचीत का निमंत्रण दिया। 518 अतिथि अध्यापकों का रोजगार पहले मंचसे यह भी ऐलान हुआ कि अतिथि अध्यापकों को नियमित करने में सबसे पहले उन 518 गेस्ट टीचरों के रोजगार की बहाली उनकी मांग है, जिनको जांच पड़ताल के नाम पर निकाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि 15,993 अतिथि अध्यापक और उनके परिवार पिछले नौ साल से टेंशन झेल रहे हैं। जिला प्रधान नरिंद्र संधू ने कहा कि सरकार के पास 25 हजार अध्यापकों की रिक्तियां हैं, जबकि 4073 गेस्ट टीचरों को सरप्लस बताया जा रहा है। प्रदेशाध्यक्ष ने संघर्ष को मजबूत बनाए रखने के लिए अतिथि अध्यापकों को कहा कि जो अपने रोजगार के प्रति समर्पित हैं और जो अपने बाप की असल औलाद हैं वे मंगलवार को बातचीत होने तक इसी हुडा ग्रांउड में डटे रहेंगे। इस पर सभी ने हाथ उपर उठाकर उनकी बात का समर्थन किया। प्रमोशन में आरक्षण तो यह क्यो नहीं जबसरकार ने कोर्ट के फैसले के बावजूद प्रमोशन में आरक्षण दे दिया तो फिर अतिथि अध्यापकों को बिल पास करके पक्का क्यों नहीं किया जाता। पहली सरकार ने तो अतिथि अध्यापकों से धोखा किया है कि अब यह सरकार भी उनको लूटने पर लगी है।
No comments:
Post a Comment