जयपुर राज्य में आगामी शिक्षा सत्र 2015-16 से ही एमएड, बीएड,
शिक्षाचार्य, शिक्षाशास्त्री और बीपीएड पाठ्यक्रम दो साल के
होंगे। फिलहाल ये सभी कोर्स एक साल के ही हैं। राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद की ओर से लागू नई व्यवस्था पर असमजंस दूर कर
आखिरकार सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संदर्भ में आदेश
जारी कर दिए हैं।
आदेश जारी होने के साथ ही सभी विश्वविद्यालयों ने नए निर्देशों के
अनुरूप दो वर्षीय पाठ्यक्रम तैयार करने की कवायद भी शुरू कर दी है।
राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम संबंधी
विस्तृत दिशा-निर्देशों के लिए बकायदा परिषद की संबंधित शाखा के
उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर ली है।
चौंकाने वाली बात यह है कि उच्च शिक्षा विभाग ने जनवरी के अंतिम
सप्ताह में ही सभी संस्थानों को परिपत्र जारी कर निर्देश दिए थे कि
2016-17 ये कोर्स दो साल के किए जाएं। बाद में परिषद की सख्ती और
इस मामले में प्रकाशित गजट नोटिफिकेशन को देखते हुए नए सत्र से ही
साल के पाठ्यक्रम के संशोधित आदेश जारी करने पड़े।
बढ़ाने होंगे अध्यापक
राज्य में फिलहाल 850 से अधिकक बीएड कॉलेज में 90 हजार से अधिक
और शिक्षा शास्त्री पाठ्यक्रम के 7 हजार से अधिक छात्र प्रशिक्षण
ले रहे हैं। नई व्यवस्था लागू होने से सबसे अधिक समस्या निजी कॉलेजों
को आएगी। इसमें बीएड के शिक्षक लगाने के मापदंड भी बदले जाएंगे।
अध्यापकों की निर्धारित संख्या 8 से बढ़ाकर 16 की जानी है।
हम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार के निर्देशों के
तहत सत्र 2015-16 से ही पाठ्यक्रमों की अवधि एक साल से बढ़ाकर दो
साल कर रहे हैं। इसके लिए नए पाठ्यक्रम तैयार करवाए जा रहे हैं।
- प्रो ए.सी.एस. मदनावत,अध्यक्ष शिक्षा विभाग राजस्थान विवि
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