वादा निभाओ रैली | हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले सीएम के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में डटे प्रदेशभर से आए शिक्षक
संजय आहूजा / अमित सैनी | फतेहाबाद / रेवाड़ी
सरकारीसेवा में समायोजन का सपना देख रहे सरकारी स्कूलों की कंप्यूटर फैकल्टी को हटाने के आदेश जारी हो गए हैं। कंप्यूटर टीचरों की भर्ती तीन कंपनियों के माध्यम से हुई थी। सरकार ने अनियमितता बरतने पर इन कंपनियों के कांट्रेक्ट रद्द कर दिए। दिलचस्प है कि कंप्यूटर टीचर ही नियोक्ता कंपनियों का कांट्रेक्ट रद्द करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे।
सेकेंडरी एजूकेशन विभाग के निदेशक एमएल कौशिक ने बताया कि तीनों कंपनियों श्रीराम न्यू हॉरीजन, भूपेंद्रा सोसायटी ट्रांसलाइन टेक्नोलॉजिस को टर्मिनेट कर दिया गया है। बैंक गारंटी को जब्त करके कंप्यूटर शिक्षकों का भुगतान किया जाएगा। इधर, आईसीटी के चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर एचआर सतीजा ने सोमवार को सभी डीईओ को कहा कि कंप्यूटर फैकल्टी की सेवाएं लेना बंद करे। प्रदेश के 2622
सरकारी स्कूलों में 19 अगस्त 2013 को कंप्यूटर टीचर लगाए गए थे। भास्कर न्यूज | करनाल   नौकरीखतरे में पड़ती देखे प्रदेश भर के गेस्ट टीचर सरकार के खिलाफ डट गए हैं। बड़े प्रोजेक्टर पर शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की वो क्लीपिंग दिखाई जा रहा है, जिसमें उन्हें जंतर-मंतर पर वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर गेस्ट टीचरों को पक्का किया जाएगा। असल में प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट में शपथपत्र दिया है कि नियमित भर्ती चल रही है। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि पद भरते ही गेस्ट टीचरों की छुट्टी होगी। शीर्ष कोर्ट निर्देश चुकी है कि नियमित भर्ती की जाए। सरकार के शपथपत्र के बाद से गेस्ट टीचरों में खलबली है। प्रदेश में करीब 15,000 गेस्ट टीचर हैं। इनमें से बड़ी संख्या में सोमवार को हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले हुडा ग्राउंड में 'रोजगार बचाओ वादा निभाओ महारैली' में पहुंचे। गेस्ट टीचरों ने कहा कि इस बार वे धोखा नहीं खाएंगे। नियमित होने के बाद ही करनाल से घर लौटेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन की पहल प्रतिनिधिमंडल की बात को स्वीकार करते हैं, लेकिन तब तक वे रैली स्थल पर ही डटे रहेंगे। अगर मांग नहीं मानी तो आर-पार का संघर्ष शुरू करेंगे। जब तक कोई हल नहीं निकल जाता स्कूलों में कक्षाओं को बहिष्कार रखा जाएगा। जो टीचर उनके साथ नहीं देंगे, उनको जलील किया जाएगा। विभिन्नसंगठनों ने किया समर्थन का ऐलान अतिथिअध्यापकों के इस संघर्ष में सर्व कर्मचारी महासंघ, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, रोडवेज यूनियन, बिजली, जनस्वास्थ्य और हरियाणा राजकीय अध्यापक संगठनों से सहित विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया। बिल लाकर नियमित करे सरकार ^अध्यापकसंघ के संगठन सचिव बलबीर सिंह सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव कृष्ण चंद शर्मा ने कहा कि सरकार बिल लाकर अतिथि अध्यापकों को नियमित करे। अगर सरकार उनकी मांग पर गौर नहीं करती है तो प्रदेशभर के पौने चार लाख कर्मचारी अतिथि अध्यापकों के संघर्ष में उनके साथ खड़े हो जाएंगे। चक्का जाम और बत्ती गुल करने की चेतावनी ^रोडवेज कर्मचारी नेता वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि उनका समर्थन अतिथि अध्यापकों के साथ है। अगर जरूरत पड़ी तोप्रदेशभर में चक्का जाम कर दिया जाएगा। सरकार इस चिंगारी को हलके में ले। फिर हम धारा 144 को नहीं जानते हैं। आईएसएस लॉबी ने पहले पूर्व की सरकार को गर्त में धकेला, अब इस सरकार को धकेलने का काम कर रही है। बिजली बोर्ड ने प्रेस प्रवक्ता कृष्ण मलिक ने समर्थन में बिजली-पानी बंद करने का ऐलान किया। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने उनसे झूठे वादे किए है। शिक्षामंत्री ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने के दौरान कहा था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर अतिथि अध्यापकों को एक कलम से नियमित किया जाएगा और पिछला एरियर भी दिया जाएगा। लेकिन अब कोर्ट का हवाला देकर मुकर रहे हैं। यह 15 हजार परिवारों के साथ सरासर धोखा है। वे रैली में सिर पर कफन बांधकर आए हैं। अब किसी बहकावे धोखे में नहीं आने वाले हैं, क्योंकि आठ साल के संघर्ष की भट्ठी में हम पक गए हैं। शास्त्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी टीसी गुप्ता जनरल डायर की भूमिका में हैं तो वे शहीद भगत सिंह की भूमिका में रहेंगे। सरकार पूरे हरियाणा की फोर्स और बारूद करनाल में एकत्रित कर ले। लेकिन वे अपने रोजगार के लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे। अतिथि अध्यापकों के कड़े संघर्ष की ललकार के कारण आखिरकार जिला प्रशासन दबाव में आया गया। साढ़े तीन बजे पहले एडीसी डीएसपी जितेंद्र गहलावत अतिथि अध्यापक नेताओं ने बातचीत करने पहुंचे। उन्होंने 7 अप्रैल तक मुख्यमंत्री के साथ बातचीत कराने का आश्वासन दिया। लेकिन अतिथि अध्यापकों ने इसे सिरे से नकार दिया। सीएम कैंप हाउस के घेराव की चेतावनी दी। इसके बाद लगभग साढ़े चार बजे डीसी डॉ. जे गणेशन एसपी अभिषेक गर्ग खुद रैली स्थल पर पहुंचे। उन्होंने अतिथि अध्यापक प्रदेशाध्यक्ष साथियों से बातचीत की और सीएम से मीटिंग कराने की बात कही। अतिथि अध्यापक नेताओं ने सलाह की और रैली में अतिथि अध्यापकों की सहमति से मंगलवार को 11 बजे चंडीगढ़ में सरकार के साथ बातचीत का ऐलान किया।
सरकारी स्कूलों में 19 अगस्त 2013 को कंप्यूटर टीचर लगाए गए थे। भास्कर न्यूज | करनाल   नौकरीखतरे में पड़ती देखे प्रदेश भर के गेस्ट टीचर सरकार के खिलाफ डट गए हैं। बड़े प्रोजेक्टर पर शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की वो क्लीपिंग दिखाई जा रहा है, जिसमें उन्हें जंतर-मंतर पर वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनने पर गेस्ट टीचरों को पक्का किया जाएगा। असल में प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट में शपथपत्र दिया है कि नियमित भर्ती चल रही है। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि पद भरते ही गेस्ट टीचरों की छुट्टी होगी। शीर्ष कोर्ट निर्देश चुकी है कि नियमित भर्ती की जाए। सरकार के शपथपत्र के बाद से गेस्ट टीचरों में खलबली है। प्रदेश में करीब 15,000 गेस्ट टीचर हैं। इनमें से बड़ी संख्या में सोमवार को हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले हुडा ग्राउंड में 'रोजगार बचाओ वादा निभाओ महारैली' में पहुंचे। गेस्ट टीचरों ने कहा कि इस बार वे धोखा नहीं खाएंगे। नियमित होने के बाद ही करनाल से घर लौटेंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन की पहल प्रतिनिधिमंडल की बात को स्वीकार करते हैं, लेकिन तब तक वे रैली स्थल पर ही डटे रहेंगे। अगर मांग नहीं मानी तो आर-पार का संघर्ष शुरू करेंगे। जब तक कोई हल नहीं निकल जाता स्कूलों में कक्षाओं को बहिष्कार रखा जाएगा। जो टीचर उनके साथ नहीं देंगे, उनको जलील किया जाएगा। विभिन्नसंगठनों ने किया समर्थन का ऐलान अतिथिअध्यापकों के इस संघर्ष में सर्व कर्मचारी महासंघ, हरियाणा कर्मचारी महासंघ, रोडवेज यूनियन, बिजली, जनस्वास्थ्य और हरियाणा राजकीय अध्यापक संगठनों से सहित विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया। बिल लाकर नियमित करे सरकार ^अध्यापकसंघ के संगठन सचिव बलबीर सिंह सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव कृष्ण चंद शर्मा ने कहा कि सरकार बिल लाकर अतिथि अध्यापकों को नियमित करे। अगर सरकार उनकी मांग पर गौर नहीं करती है तो प्रदेशभर के पौने चार लाख कर्मचारी अतिथि अध्यापकों के संघर्ष में उनके साथ खड़े हो जाएंगे। चक्का जाम और बत्ती गुल करने की चेतावनी ^रोडवेज कर्मचारी नेता वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि उनका समर्थन अतिथि अध्यापकों के साथ है। अगर जरूरत पड़ी तोप्रदेशभर में चक्का जाम कर दिया जाएगा। सरकार इस चिंगारी को हलके में ले। फिर हम धारा 144 को नहीं जानते हैं। आईएसएस लॉबी ने पहले पूर्व की सरकार को गर्त में धकेला, अब इस सरकार को धकेलने का काम कर रही है। बिजली बोर्ड ने प्रेस प्रवक्ता कृष्ण मलिक ने समर्थन में बिजली-पानी बंद करने का ऐलान किया। अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री ने उनसे झूठे वादे किए है। शिक्षामंत्री ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरने के दौरान कहा था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर अतिथि अध्यापकों को एक कलम से नियमित किया जाएगा और पिछला एरियर भी दिया जाएगा। लेकिन अब कोर्ट का हवाला देकर मुकर रहे हैं। यह 15 हजार परिवारों के साथ सरासर धोखा है। वे रैली में सिर पर कफन बांधकर आए हैं। अब किसी बहकावे धोखे में नहीं आने वाले हैं, क्योंकि आठ साल के संघर्ष की भट्ठी में हम पक गए हैं। शास्त्री ने कहा कि शिक्षा विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी टीसी गुप्ता जनरल डायर की भूमिका में हैं तो वे शहीद भगत सिंह की भूमिका में रहेंगे। सरकार पूरे हरियाणा की फोर्स और बारूद करनाल में एकत्रित कर ले। लेकिन वे अपने रोजगार के लिए किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेंगे। अतिथि अध्यापकों के कड़े संघर्ष की ललकार के कारण आखिरकार जिला प्रशासन दबाव में आया गया। साढ़े तीन बजे पहले एडीसी डीएसपी जितेंद्र गहलावत अतिथि अध्यापक नेताओं ने बातचीत करने पहुंचे। उन्होंने 7 अप्रैल तक मुख्यमंत्री के साथ बातचीत कराने का आश्वासन दिया। लेकिन अतिथि अध्यापकों ने इसे सिरे से नकार दिया। सीएम कैंप हाउस के घेराव की चेतावनी दी। इसके बाद लगभग साढ़े चार बजे डीसी डॉ. जे गणेशन एसपी अभिषेक गर्ग खुद रैली स्थल पर पहुंचे। उन्होंने अतिथि अध्यापक प्रदेशाध्यक्ष साथियों से बातचीत की और सीएम से मीटिंग कराने की बात कही। अतिथि अध्यापक नेताओं ने सलाह की और रैली में अतिथि अध्यापकों की सहमति से मंगलवार को 11 बजे चंडीगढ़ में सरकार के साथ बातचीत का ऐलान किया।
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