पहली अप्रैल से प्रदेश में समैस्टर सिस्टम प्रणाली को खत्म किया जा सकता है। यह बात हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ सोनीपत के पदाधिकारियों की ओर से कही जा रही है क्योंकि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष संजीव मोर के नेतृत्व में कुछ समय पहले गुडग़ांव में एस.सी.ई.आर.टी. के निदेशक से मिला था। निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल को बताया है कि अध्यापक संघ के साथ हुई बैठक में इसका फैसला लिया जा चुका है और यह भी तय हुआ कि आगामी सत्र में स्कूल स्तर की परीक्षाएं स्कूल विशेष में न होकर वहीं के स्टाफ द्वारा आयोजित होंगी। 5वीं और 6वीं के प्रश्न पत्र जिला स्तर पर डी.ई.ई.ओ. तैयार करेंगे और उन्हें वितरित करने का जिम्मा भी उन्हीं का होगा।
दरअसल प्रदेश में 8वीं की बोर्ड परीक्षा दोबारा शुरू होने के साथ ही स्कूलों और
कालेजों में समैस्टर सिस्टम खत्म करने की मांग भी एक बार फिर से उठने लगी। बीते साल जुलाई मास में भी प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने इस मांग को उठा चुके हैं। 10वीं व 12वीं के खराब परिणामों पर हुड्डा सरकार ने विधानसभा में भी अपनी चिंता जाहिर की थी, नतीजतन 8वीं की परीक्षा को दोबारा बोर्ड परीक्षा में तबदील करने की तैयारी कर ली थी। यदि सरकार समैस्टर प्रणाली को खत्म कर देती है तो पुरानी परंपरा को लागू करना ही एकमात्र विकल्प सरकार के सामने होगा। स्कूलों में परीक्षाएं छमाही और सालाना होंगी।
कालेजों में समैस्टर सिस्टम खत्म करने की मांग भी एक बार फिर से उठने लगी। बीते साल जुलाई मास में भी प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने इस मांग को उठा चुके हैं। 10वीं व 12वीं के खराब परिणामों पर हुड्डा सरकार ने विधानसभा में भी अपनी चिंता जाहिर की थी, नतीजतन 8वीं की परीक्षा को दोबारा बोर्ड परीक्षा में तबदील करने की तैयारी कर ली थी। यदि सरकार समैस्टर प्रणाली को खत्म कर देती है तो पुरानी परंपरा को लागू करना ही एकमात्र विकल्प सरकार के सामने होगा। स्कूलों में परीक्षाएं छमाही और सालाना होंगी।
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