जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2013 के मामले में अभ्यर्थियों को बड़ी राहत देते हुए राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (आरटेट) में 60 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले याचिकाकर्ताओं को भी चालू भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता शैलेन्द्र पाटीदार, संजय सुथार व अन्य की ओर से अधिवक्ता हनुमानसिंह चौधरी, डॉ. नूपुर भाटी व अन्य वकीलों ने न्यायालय में कहा कि राज्य सरकार ने ही विज्ञप्ति में आरक्षित वर्गो को आरटेट में 60 प्रतिशत उत्तीर्णाक में अलग-अलग वर्गवार छूट प्रदान की थी। उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ने विकास कुमार अग्रवाल के मामले में आरटेट में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त अभ्यर्थियों को ही योग्य माने जाने का जो निर्णय दिया था, उस पर उच्चतम न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी कर दिया। अधिवक्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 में भी विज्ञप्तिनुसार
आरटेट में छूट का लाभ देते हुए नियुक्तियां दी गई थी, लेकिन इस भर्ती में सरकार आरटेट में छूट प्राप्त अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन आदि प्रक्रिया से वंचित कर रही है। सरकार की ओर से मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित होने का तर्क प्रस्तुत किया गया। प्रारंभिक बहस सुनने के बाद न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने याचिकाकर्ताओं को चालू भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के अंतरिम आदेश दिए।
आरटेट में छूट का लाभ देते हुए नियुक्तियां दी गई थी, लेकिन इस भर्ती में सरकार आरटेट में छूट प्राप्त अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन आदि प्रक्रिया से वंचित कर रही है। सरकार की ओर से मामला उच्चतम न्यायालय में लम्बित होने का तर्क प्रस्तुत किया गया। प्रारंभिक बहस सुनने के बाद न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने याचिकाकर्ताओं को चालू भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के अंतरिम आदेश दिए।
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