सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत देश के विभिन्न प्रदेशों में शिक्षकों के 19.84 लाख रिक्त पदों को भरने के लक्ष्य में से पिछले वर्ष सितंबर माह तक 14.34 लाख पदों को ही भरा जा सका अर्थात करीब साढे पांच लाख शिक्षक पदों को अभी भरा जाना शेष है।
पिछले वर्ष 30 सितंबर तक बिहार में वित्त वर्ष 2013.14 तक के लक्ष्य का 50 प्रतिशत हासिल किया जा सका था जबकि गुजरात में 53 प्रतिशत, दिल्ली में 54 प्रतिशत, झारखंड में 67 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश में 69 प्रतिशत कार्य पूरा किया जा सका। शिक्षा का अधिकार कानून 2009 पर राष्ट्रीय शिक्षा
अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में वित्तवर्ष 2013.14 तक शिक्षकों के पदों को भरने के लक्ष्य का 72 प्रतिशत हासिल किया जा सका है। बिहार में 2013.14 में 4.03 लाख शिक्षकों के पदों को भरने का लक्ष्य था जबकि 30 सितंबर 2013 तक 2.01 लाख पदों को भरा जा सका। दिल्ली में 2013.14 में 7104 शिक्षकों के पदों को भरने का लक्ष्य था जबकि 30 सितंबर 2013 तक 3834 पदों को भरा जा सका। गुजरात में 2013.14 में 58 हजार शिक्षकों के पदों को भरने का लक्ष्य था।
हाल ही में संसद की स्थायी समिति ने सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के मार्ग में शिक्षकों की कमी के आड़े आने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में दक्ष शिक्षकों की नियुक्ति को महत्वपूर्ण कारक बताया गया है।
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