हरियाणा टीचर सलेक्शन बोर्ड के गठन को चुनौती देने वाली याचिका प्रदेश सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है। हाई कोर्ट में सरकार ने दलील दी कि याचिकाकर्ता विजय बंसल कालका से चुनाव लड़ चुका है और वह राजनीतिक दलों से जुड़ा रहा है इसलिए याचिका खारिज की जाए। 1सरकार का यही आधार उसके लिए मुसीबत पैदा करने वाला है। इस आधार का फायदा उठा कर याचिकाकर्ता ने चौटाला शासन काल में 2002 में भर्ती 67 एचसीएस अधिकारियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाले वाली याचिका की
फाइल टीचर भर्ती बोर्ड केस के साथ जोड़ने का आग्रह किया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल पर आधारित खंडपीठ इस अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगी। विजय बंसल ने अर्जी में कहा कि चौटाला शासन काल की इस भर्ती में धांधली का मामला 2002 से हाईकोर्ट में विचाराधीन है और याचिकाकर्ता उस समय के पलवल से विधायक और वर्तमान मुख्यमंत्री के नजदीकी रिश्तेदार करण सिंह दलाल हैं। वहसत्ताधारी दल के सदस्य भी हैं। 1बंसल ने अर्जी में सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोहरा मापदंड अपना रही है। करण सिंह दलाल केस में सरकार ने दलाल का समर्थन किया। सरकार ने 2009 में में हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर इस केस में पार्टी बनने का आग्रह किया था और कहा था कि वह इस केस में जुड़े कुछ तथ्य कोर्ट में रखना चाहती है। 1सरकार ने दलाल के पक्ष और भर्ती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को पैरवी के लिए नियुक्त किया है जिसकी मोटी फीस सरकार देती है और वह अब भी सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। सरकार ने हाईकोर्ट में दलाल द्वारा दायर केस का समर्थन किया था। याचिकाकर्ता बंसल ने अपने वकील इंद्र पाल गोयत के माध्यम से दायर अर्जी में कहा है कि एक तरफ तो सरकार राजनैतिक दलों से जुड़ने के कारण उनके टीचर भर्ती बोर्ड के खिलाफ दायर केस पर उनकी स्थिति पर सवाल उठा रही है जबकि दूसरी तरफ करण सिंह दलाल की एचसीएस केस में सहायता कर रही है क्योंकि वो एचसीएस चौटाला शासन काल में नियुक्त हुए थे। बंसल ने रजिस्ट्री में दायर अर्जी में आग्रह किया है कि वो 67 एचसीएस भर्ती केस की फाइल को भी इस केस के साथ सलंग्न कर सुनवाई करे।
फाइल टीचर भर्ती बोर्ड केस के साथ जोड़ने का आग्रह किया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय किशन कौल पर आधारित खंडपीठ इस अर्जी पर सोमवार को सुनवाई करेगी। विजय बंसल ने अर्जी में कहा कि चौटाला शासन काल की इस भर्ती में धांधली का मामला 2002 से हाईकोर्ट में विचाराधीन है और याचिकाकर्ता उस समय के पलवल से विधायक और वर्तमान मुख्यमंत्री के नजदीकी रिश्तेदार करण सिंह दलाल हैं। वहसत्ताधारी दल के सदस्य भी हैं। 1बंसल ने अर्जी में सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोहरा मापदंड अपना रही है। करण सिंह दलाल केस में सरकार ने दलाल का समर्थन किया। सरकार ने 2009 में में हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर इस केस में पार्टी बनने का आग्रह किया था और कहा था कि वह इस केस में जुड़े कुछ तथ्य कोर्ट में रखना चाहती है। 1सरकार ने दलाल के पक्ष और भर्ती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को पैरवी के लिए नियुक्त किया है जिसकी मोटी फीस सरकार देती है और वह अब भी सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। सरकार ने हाईकोर्ट में दलाल द्वारा दायर केस का समर्थन किया था। याचिकाकर्ता बंसल ने अपने वकील इंद्र पाल गोयत के माध्यम से दायर अर्जी में कहा है कि एक तरफ तो सरकार राजनैतिक दलों से जुड़ने के कारण उनके टीचर भर्ती बोर्ड के खिलाफ दायर केस पर उनकी स्थिति पर सवाल उठा रही है जबकि दूसरी तरफ करण सिंह दलाल की एचसीएस केस में सहायता कर रही है क्योंकि वो एचसीएस चौटाला शासन काल में नियुक्त हुए थे। बंसल ने रजिस्ट्री में दायर अर्जी में आग्रह किया है कि वो 67 एचसीएस भर्ती केस की फाइल को भी इस केस के साथ सलंग्न कर सुनवाई करे।
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