Wednesday, September 25, 2013

ABHI BHI NAHI PAHUNCHI BOOKS

चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में सत्र शुरू हुए छह माह से भी अधिक का समय गुजर चुका है। वहीं दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं अब सिर पर आ गई हैं। लेकिन विद्यार्थियों को अब तक किताबें पहुंचाने में शिक्षा विभाग असमर्थ रहा है। वहीं इस देरी के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने में भी विभाग बच रहा है। जिन अधिकारियाें ने शिक्षा विभाग को किताबों की प्रिंटिंग की गलत रिपोर्ट दी मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद उन पर कार्रवाई में देरी हो रही है। हालांकि शिक्षा मंत्री इस मामले में स्पष्ट कह रही हैं कि
अधिकारियाें पर कार्रवाई होनी तय है। टेंडर प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। यह देखा जा रहा है कि असल दोषी अधिकारी कौन हैं। इस मामले में शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को अभी लापरवाह अधिकारियों की फाइल आने का इंतजार है। उन्होंने बताया कि हम इस मामले में यह अध्ययन कर रहे हैं कि असल में कौन अधिकारी इस पूरे प्रकरण के लिए दोषी है। किताबों के देरी से पहुंचने के मामले में हमने कुछ अधिकारियों का स्थानांतरण भी किया है। मंत्री की माने तो विभाग का नियम यह है कि कम रेट वाले प्रकाशक को टेंडर देना पड़ता है, लिहाजा पहले अगस्त 2012 में हुआ टेंडर दो कंपनियों को दिया गया। जब किताबों की छपाई के मामले में कंपनियों और अधिकारियों ने धोखे में रखा तब विभाग ने दोबारा टेंडर किए। जिसके बाद विभाग ने एक-एक कक्षा के हिसाब से आर्डर दिया। इस सप्ताह तक किताबें प्रत्येक स्कूल में पहुंची जाएंगी। स्कूल में जाकर यह किताबें डंप न हो जाएं। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। फील्ड में किताबें कहीं नहीं पहुंची हैं। इस बार छह माह का विलंब हो चुका है। 15 सितंबर के बाद कभी भी परीक्षाएं शुरू हो सकती हैं। बच्चों का भविष्य दांव पर है। -वजीर सिंह, राज्य प्रधान, हरियाणा राजकीय विद्यालय अध्यापक संघ

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