Friday, September 13, 2013

HEADMASTERS AND MIDDLE HEADS KE BEECH BADI DURIYAN


पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों में सृजित किए गए मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक पद के बाद जिले के मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों तथा मुख्य शिक्षकों के बीच फंड व ग्रांट प्रयोग को लेकर विवाद पैदा हो गया है। यह पूरा विवाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से जारी किए गए एक पत्र के बाद से शुरू हुआ है। मामला सामने आने के बाद अब जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने कार्यालय द्वारा जारी पत्र में संशोधन किए हैं ताकि स्कूलों का माहौल खराब न हो सके। काबिल-ए-जिक्र है कि कुछ दिन पहले जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने एक पत्र जारी करके मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों के कार्यो व जिम्मेदारी को तय किया था। इसमें कहा गया था कि मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक पहली से आठवीं कक्षा के कार्य देखेंगे और
इसमें सहयोग करेंगे। पत्र जारी होने के बाद मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों ने मिडिल स्कूलों तक की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेनी शुरू कर दी और हर प्रकार के कार्यो में हस्तक्षेप शुरू कर दिया। बताया जा रहा है मुख्य शिक्षक के नाम से आने वाली ग्रांट व फंड को भी कुछ मुख्य शिक्षकों ने अपने नाम करने की बात कही। ऐसा न करने पर कुछ मुख्य शिक्षकों के वेतन तक रोक लिए गए। इस पर मुख्य शिक्षक भी भड़क गए और कई स्कूलों में इस प्रकार के विवाद सामने आए। हालांकि मामले खुलकर सामने नहीं आए और स्कूल तक ही दबकर रह गए। मामला बढ़ता देखकर अब मुख्य शिक्षकों ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को पूरे मामले से अवगत कराया है और मालिक स्कूल मुख्याध्यापकों की शिकायत की है। इस पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने अपने पुराने पत्र को संशोधित कर जारी करने का निर्णय लिया है। इस पत्र में स्पष्ट किया जाएगा कि मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों को फिलहाल विभाग की तरफ से कोई कार्य व जिम्मेदारी नहीं दिए हैं और वह केवल एक से आठवीं कक्षा के कार्यो में अपना सहयोग दें। मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों के कार्यो व जिम्मेदारी बारे एक पत्र उन्होंने जारी किया था, जिसमें पहली से आठवीं के कार्यो में सहयोग की बात कही थी, लेकिन मौलिक स्कूल मुख्याध्यापकों ने इसे दूसरी तरह ले लिया। उन्हें किसी प्रकार की शक्तियां विभाग ने फिलहाल प्रदान नहीं की है। उन द्वारा जारी किए गए पत्र में संशोधन किया गया है और दोबारा किया जा रहा है ताकि संशय की स्थिति न बने। मुख्य शिक्षक पहले की तरह अपना काम कर सकेंगे। दिलबाग मलिक, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी

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