SOME POINTS BY MY FRIEND धर्मबीर कौशिक
दोस्तों नमस्कार बहुत से दोस्तों उस cd को लेकर उत्सुक हैं जो जींद के एक साथी ने आर टी आई लगा कर विभाग से हासिल की हैं ।यर सच हैं कि हरयाणा में contrct टीचर लगाने का ठेका पंजाब universty को दिया गया था।100 रूपए फीस रखी गयी थी। मगर जो लिस्ट पंजाब uni ने तैयार उसमे जय्दातर पंजाब और chnd के उमीदवार सेल्क्ट हो गये दूसरा किसी mlaयाmp की भी नही चली। वो लिस्ट विभाग ने निरस्त कर दी ओर उसके बाद गेस्ट टीचर लगे। जिनको पहले गाँव लेवल फिर ब्लोक और बाद में जिला लेवल की mrit से लगाया
गया ।उस टाइम पीटीआई और प्रिंसिपल हेडमास्टर को छोड कर लगभग सभी पोस्ट को भर लिया गया था। और एक रूपए की भी सिफ़ारिस नही चली ।जो थोड़ी बहुत गड़ बड हुई वो भी हमारे ही विभाग के हेडमास्टर या प्रिंसिपल के दुआरा हुई ।कोई राजनीतक दखल इसमें नही हुआ ।सायेद ये आजाद भारत की पहली भर्ती थी ।जो राजनीती से मुक्त थी। लास्ट में ये भी स्टेज आ गई की एक भी जे बी टी उस टाइम हरयाणा में नही मिला बाद में बीएड पास को जे बी टी की पोस्टो पर लगे। पहले तीन साल तक वेतन नाम मात्र का था किसी भी अवकाश का कोई वेतन नही था होली और दीवाली की भी सैलरी कट जाती थी जून पूरा खाली जाता था। साल में 6 माह का ही वेतन मिलता था ।अप्रैल 2009 से वेतन फिक्स किया गया उसके बाद भी एक रेगुलर टीचर से 60% कम वेतन में आज तक अपना काम पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। उस टाइम सरकारी स्कूल पूरी तरहा फ़्लॊफ़ थे कारन था पोसट बहुत खाली थी ।जो सरकारी टीचर महेनत करवाता था वो भी बेकार जाती बाकि विषय में स्टूडेंट्स फ़ैल हो जाते थे। ये बात आज सभी मानते हैं की गेस्ट टीचर लगने से सुधार हुआ हैं। अब पहली लाइन पर आते हैं CD की हकीकत जानने के लिये हमे किसी भी भर्ती करने वाली अभिकरण के अधिकारों का पता होना जरूरी हैं। भारत के कानून के हिसाब से कोई भी भर्ती करने वाला आयोग एक ऐसी भूमिका निभाता हैं जिसमे उसे रिक्त पदों के लिये अदिसुचना जारी करना और intervew या लिखत टेस्ट के जरये योग्य उमिद्वारो का चयेन करना ।और उसके बाद सूची को सरकार के पास भेजना ।उन उमीदवारो को रखना न रखना सरकार के हाथ में हैं सरकार भाड्या नही हैं। आप पढ सकते हैं। ये जो नाटक चल रहा हैं वो पसे के लिये चल रहा हैं फिर किसी बेरोजगार का सर कलम किया जायेगा उसको उसका नाम cd में हैं के नाम से हजारो रूपए लिये जायंगे। और बहुत सारे बेरोजगार इनके चुंगल में फंस जायंगे।।। मेरी आपसे अपील हैं आप बेकार की बातो में ध्यान न दे और किसी को भी एक रूपया न दे
दोस्तों नमस्कार बहुत से दोस्तों उस cd को लेकर उत्सुक हैं जो जींद के एक साथी ने आर टी आई लगा कर विभाग से हासिल की हैं ।यर सच हैं कि हरयाणा में contrct टीचर लगाने का ठेका पंजाब universty को दिया गया था।100 रूपए फीस रखी गयी थी। मगर जो लिस्ट पंजाब uni ने तैयार उसमे जय्दातर पंजाब और chnd के उमीदवार सेल्क्ट हो गये दूसरा किसी mlaयाmp की भी नही चली। वो लिस्ट विभाग ने निरस्त कर दी ओर उसके बाद गेस्ट टीचर लगे। जिनको पहले गाँव लेवल फिर ब्लोक और बाद में जिला लेवल की mrit से लगाया
गया ।उस टाइम पीटीआई और प्रिंसिपल हेडमास्टर को छोड कर लगभग सभी पोस्ट को भर लिया गया था। और एक रूपए की भी सिफ़ारिस नही चली ।जो थोड़ी बहुत गड़ बड हुई वो भी हमारे ही विभाग के हेडमास्टर या प्रिंसिपल के दुआरा हुई ।कोई राजनीतक दखल इसमें नही हुआ ।सायेद ये आजाद भारत की पहली भर्ती थी ।जो राजनीती से मुक्त थी। लास्ट में ये भी स्टेज आ गई की एक भी जे बी टी उस टाइम हरयाणा में नही मिला बाद में बीएड पास को जे बी टी की पोस्टो पर लगे। पहले तीन साल तक वेतन नाम मात्र का था किसी भी अवकाश का कोई वेतन नही था होली और दीवाली की भी सैलरी कट जाती थी जून पूरा खाली जाता था। साल में 6 माह का ही वेतन मिलता था ।अप्रैल 2009 से वेतन फिक्स किया गया उसके बाद भी एक रेगुलर टीचर से 60% कम वेतन में आज तक अपना काम पूरी निष्ठा से कर रहे हैं। उस टाइम सरकारी स्कूल पूरी तरहा फ़्लॊफ़ थे कारन था पोसट बहुत खाली थी ।जो सरकारी टीचर महेनत करवाता था वो भी बेकार जाती बाकि विषय में स्टूडेंट्स फ़ैल हो जाते थे। ये बात आज सभी मानते हैं की गेस्ट टीचर लगने से सुधार हुआ हैं। अब पहली लाइन पर आते हैं CD की हकीकत जानने के लिये हमे किसी भी भर्ती करने वाली अभिकरण के अधिकारों का पता होना जरूरी हैं। भारत के कानून के हिसाब से कोई भी भर्ती करने वाला आयोग एक ऐसी भूमिका निभाता हैं जिसमे उसे रिक्त पदों के लिये अदिसुचना जारी करना और intervew या लिखत टेस्ट के जरये योग्य उमिद्वारो का चयेन करना ।और उसके बाद सूची को सरकार के पास भेजना ।उन उमीदवारो को रखना न रखना सरकार के हाथ में हैं सरकार भाड्या नही हैं। आप पढ सकते हैं। ये जो नाटक चल रहा हैं वो पसे के लिये चल रहा हैं फिर किसी बेरोजगार का सर कलम किया जायेगा उसको उसका नाम cd में हैं के नाम से हजारो रूपए लिये जायंगे। और बहुत सारे बेरोजगार इनके चुंगल में फंस जायंगे।।। मेरी आपसे अपील हैं आप बेकार की बातो में ध्यान न दे और किसी को भी एक रूपया न दे
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