एक जुलाईसे लागू होगी योजना, देशभर में पचास लाख से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ ल्ल फिलहाल कर्मचारी अपने मूल वेतन का बारह फीसदी हिस्सा ईपीएफ अकाउंट में डालते हैं इम्पलायर कांट्रीब्यूशन बढ़ेगा
ईपीएफओ बेसिक पे में सारे अलाउंस जोड़ने की तैयारी में भी है। लेबर मिनिस्ट्री की ओर से गठित की गई कमेटी ने भी इस बात का सर्मथन किया है कि ईपीएफ में कॉन्ट्रीब्यूशन की राशि कैलकुलेट करते वक्त बेसिक पे में सैलेरी के बाकी अलाउंसेज को जोड़ा जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो ईपीएफ में इम्पलॉयर कॉन्ट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा। सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिशनर आरसी मिर्शा ने बताया कि कर्मचारियों को
साधारणतया, आवश्यक रूप से और समानतया अदा किए जाने वाले अलाउंसेज को बेसिक पे का हिस्स माना जाएगा। इसका मतलब हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), ओवर-टाइम, बोनस और कमिशन को छोड़ कर सभी पेमेंट्स बेसिक पे का हिस्सा मानी जाएगी। पर्मानेंट अकाउंट नंबर सब खाताधारकों को पर्मानेंट अकाउंट नंबर देना अगले साल ही संभव हो सकेगा। ईपीएफओ के प्लान के तहत हर सब्सक्राइबर को पर्मानेंट अकाउंट नंबर देने में अभी 8 से 10 माह का समय लग सकता है। नई प्रक्रिया के तहत इपीएफओ पूर्व इम्पलॉयर से पीएफ अकाउंट की डिटेल्स खुद वेरीफाय करवाएगा। अब तक इम्पलॉई को खुद ही यह वेरिफिकेशन करवाना पड़ता है। एजेंसी. नई दिल्ली इम्पलॉईज प्रोविडेंट फंड से क्लेम को जल्दी सैटल करने के लिए ईपीएफओ (इम्पलॉईज प्रोविडेंट फंड ऑगेर्नाइजेशन) 1 जुलाई से पीएफ जमाओं से निकासी या स्थानांतरण (विड्रॉल या ट्रांसफर) को ऑनलाइन करने जा रहा है। इसके तहत देश भर के 50 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी लाभन्वित होंगे। ईपीएफओ के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिशनल अनिल स्वरूप ने बताया, हमने 1 जुलाई से चालू होने वाले सेंट्रल क्लियरेंस हाउस स्थापित करने का फैसला किया है। इसके जरिए खाताधारक विड्रॉल और ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जॉब बदलने के बाद खाताधारकों को अपना अकाउंट ट्रांसफर करवाने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। सेंट्रल क्लियरेंस फेसीलिटी से इसमें सहूलियत होगी, स्वरूप ने बताया। इस सुविधा के जरिए खाताधाकर अपने आवेदन के स्टेटस को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकेंगे।
साधारणतया, आवश्यक रूप से और समानतया अदा किए जाने वाले अलाउंसेज को बेसिक पे का हिस्स माना जाएगा। इसका मतलब हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), ओवर-टाइम, बोनस और कमिशन को छोड़ कर सभी पेमेंट्स बेसिक पे का हिस्सा मानी जाएगी। पर्मानेंट अकाउंट नंबर सब खाताधारकों को पर्मानेंट अकाउंट नंबर देना अगले साल ही संभव हो सकेगा। ईपीएफओ के प्लान के तहत हर सब्सक्राइबर को पर्मानेंट अकाउंट नंबर देने में अभी 8 से 10 माह का समय लग सकता है। नई प्रक्रिया के तहत इपीएफओ पूर्व इम्पलॉयर से पीएफ अकाउंट की डिटेल्स खुद वेरीफाय करवाएगा। अब तक इम्पलॉई को खुद ही यह वेरिफिकेशन करवाना पड़ता है। एजेंसी. नई दिल्ली इम्पलॉईज प्रोविडेंट फंड से क्लेम को जल्दी सैटल करने के लिए ईपीएफओ (इम्पलॉईज प्रोविडेंट फंड ऑगेर्नाइजेशन) 1 जुलाई से पीएफ जमाओं से निकासी या स्थानांतरण (विड्रॉल या ट्रांसफर) को ऑनलाइन करने जा रहा है। इसके तहत देश भर के 50 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी लाभन्वित होंगे। ईपीएफओ के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिशनल अनिल स्वरूप ने बताया, हमने 1 जुलाई से चालू होने वाले सेंट्रल क्लियरेंस हाउस स्थापित करने का फैसला किया है। इसके जरिए खाताधारक विड्रॉल और ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जॉब बदलने के बाद खाताधारकों को अपना अकाउंट ट्रांसफर करवाने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। सेंट्रल क्लियरेंस फेसीलिटी से इसमें सहूलियत होगी, स्वरूप ने बताया। इस सुविधा के जरिए खाताधाकर अपने आवेदन के स्टेटस को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकेंगे।
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