हिसार : प्रदेश में चार साल पहले 2009 में स्टेट टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट
(एसटेट) परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले हजारों अभ्यर्थी कानूनी जांच के घेरे
में आ गए हैं। हाल ही में उक्त परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा करने वाले
अभ्यर्थियों के खिलाफ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के विभिन्न
जिला पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर एसटेट-परीक्षा के दौरान प्रतिरूपण या
एक दूसरे की जगह परीक्षा देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की सिफारिश
की है। इतना ही नहीं, हजारों अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट्स की जांच भी की
जा रही है। बता दें कि उक्त प्रतिरूपण मामले में हिसार में परीक्षा देने
वाले दो अभ्यर्थी थे। इनमें से एक प्राइमरी टीचर है। सिविल लाइन थाना पुलिस
ने उक्त प्रतिभागियों के खिलाफ केस दर्ज करने संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर
ली हैं। दरअसल 2009 में एसटेट परीक्षा के दौरान एक-दूसरे की जगह परीक्षा
देने का मामला सामने आया था। इसके
बाद बोर्ड ने एसटेट परीक्षा उत्तीर्ण कर स्कूलों में बतौर शिक्षक कार्यरत इन शिक्षकों सहित सभी प्रतिभागियों के फिंगर प्रिंट्स की जांच की थी। जांच के दौरान फर्जी पाए जाने वालों के खिलाफ अब मामला दर्ज करवाने के लिए संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा जा रहा है
यूं किया गया फर्जीवाड़ा----
बोर्ड व पुलिस की जांच में सामने आया कि परीक्षा के दौरान पहली बार नये तरीके से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी को पकड़ना कतई आसान नहीं था। लेकिन वे बच नहीं पाए और किसी व्यक्ति ने उक्त मामले की शिकायत बोर्डको कर दी। इसके बाद मामला उजागर हुआ। जिनके खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की गई है, उनमें से एक का परीक्षा केंद्र जाट कॉलेज, जबकि दूसरे का राजकीय महाविद्यालय था। दोनों ने अपने ही केंद्र में परीक्षा तो दी लेकिन ओएमआर शीट पर एक-दूसरे का रोल नंबर व डिटेल अंकित कर दी। इसके बाद पेपर चैकिंग के दौरान ने मामले का पटाक्षेप हुआ। उक्त दोनों परीक्षार्थी रेवाड़ी और भिवानी क्षेत्र के है। इस संबंध में हाल ही में सिविल लाइन थाना पुलिसको उक्त दोनों के खिलाफ बोर्ड द्वारा केस दर्ज किए जाने की सिफारिश संबंधी पत्र प्राप्त हुआ है। पुलिस ने मामले जांच शुरू कर दी है।
बाद बोर्ड ने एसटेट परीक्षा उत्तीर्ण कर स्कूलों में बतौर शिक्षक कार्यरत इन शिक्षकों सहित सभी प्रतिभागियों के फिंगर प्रिंट्स की जांच की थी। जांच के दौरान फर्जी पाए जाने वालों के खिलाफ अब मामला दर्ज करवाने के लिए संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजा जा रहा है
यूं किया गया फर्जीवाड़ा----
बोर्ड व पुलिस की जांच में सामने आया कि परीक्षा के दौरान पहली बार नये तरीके से फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया है। परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी को पकड़ना कतई आसान नहीं था। लेकिन वे बच नहीं पाए और किसी व्यक्ति ने उक्त मामले की शिकायत बोर्डको कर दी। इसके बाद मामला उजागर हुआ। जिनके खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की गई है, उनमें से एक का परीक्षा केंद्र जाट कॉलेज, जबकि दूसरे का राजकीय महाविद्यालय था। दोनों ने अपने ही केंद्र में परीक्षा तो दी लेकिन ओएमआर शीट पर एक-दूसरे का रोल नंबर व डिटेल अंकित कर दी। इसके बाद पेपर चैकिंग के दौरान ने मामले का पटाक्षेप हुआ। उक्त दोनों परीक्षार्थी रेवाड़ी और भिवानी क्षेत्र के है। इस संबंध में हाल ही में सिविल लाइन थाना पुलिसको उक्त दोनों के खिलाफ बोर्ड द्वारा केस दर्ज किए जाने की सिफारिश संबंधी पत्र प्राप्त हुआ है। पुलिस ने मामले जांच शुरू कर दी है।
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