इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा शुरू की गई शिक्षक भर्ती पर बहुत
बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे 69 लाख युवाओं का भविष्य जुड़ा है।
इससे लाखों युवाओं को खुशी हासिल होगी,
तो कई लाख ऐसे युवा भी होंगे जिन्हें
निराशा ही हाथ लगेगी।
खबर आ रही है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक
बड़े और अहम फैसले में कहा है कि उत्तर प्रदेश
में लंबे वक्त से लटकी करीब 72,825 हजार
शिक्षकों की भर्ती अब टीईटी की मेरिट के आधार
पर ही होगी।
यानी, यूपी सरकार द्वारा पहले कराई
जा चुकी काउंसिलिंग का कोई मतलब नहीं रह
गया है। अब यह
प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जाएगी। दरअसल, यूपी सरकार ने इसी साल प्राइमरी में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसके लिए 69 लाख आवेदन भी आए थे। 4 फरवरी 2013 से काउंसिलिंग शुरू हो गई थी, लेकिन नियमों में कुछ विवाद के चलते हाई कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। शिक्षकों की इस भर्ती के लिए राज्य सरकार ने शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित किया था। यही वजह भी कि सूबे के तमाम बेरोजगारों ने इस भर्ती में हिस्सा लिया था। नए आदेश के बाद यह तय है कि जिन युवाओं ने टीईटी में अच्छा प्रदर्शन किया था, उन्हें ही शिक्षक बनने का मौका मिलेगा
प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जाएगी। दरअसल, यूपी सरकार ने इसी साल प्राइमरी में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इसके लिए 69 लाख आवेदन भी आए थे। 4 फरवरी 2013 से काउंसिलिंग शुरू हो गई थी, लेकिन नियमों में कुछ विवाद के चलते हाई कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। शिक्षकों की इस भर्ती के लिए राज्य सरकार ने शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित किया था। यही वजह भी कि सूबे के तमाम बेरोजगारों ने इस भर्ती में हिस्सा लिया था। नए आदेश के बाद यह तय है कि जिन युवाओं ने टीईटी में अच्छा प्रदर्शन किया था, उन्हें ही शिक्षक बनने का मौका मिलेगा
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