Wednesday, November 13, 2013

5TH AND 8TH ME PHIR SURU HOGA BOARD EXAM

परिणाम में लगातार गिरावट के चलते शिक्षा विभाग ने किया विचार अगले सत्र से लागू हो सकता है पुराना सिस्टम एक बार फिर से बोर्ड लागू कर शिक्षा का स्तर उठाने का प्रयास किया जाएगा लेकिन इसे दोबारा लागू करते समय इसमें पहले की अपेक्षा कुछ बदलाव किए जाएंगे। इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि बच्चों पर परीक्षा का मानसिक बोझ न बढ़े और उनमें प्रतियोगात्मक क्षमता को भी विकसित किया जा सके। अगले सेशन से इसे लागू किए जाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) गुडग़ांव द्वारा भी कार्य शुरू कर दिया गया है जिसे लेकर गुडग़ांव में
एससीईआरटी की अध्यक्षता में असेसमेंट एवोल्यूशन नीति पर परामर्श के लिए स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एसइसीईआरटी) 15 से 17 नवंबर तक बैठक की जाएगी जिसमें देश के सभी शिक्षा बोर्ड मिलकर विद्यार्थियों की क्षमता को निखारने व शिक्षा के स्तर को नई बुलंदियों तक पहुंचाने पर विचार करेंगे। मानसिक बोझ कम करने के लिए हटाया था बोर्ड सन 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो जाने के बाद बोर्ड को खत्म किया गया था। कानून बनाते समय यह महसूस किया गया कि बोर्ड की परीक्षा के समय विद्यार्थियों पर मानसिक बोझ बढ़ जाता है। इस बोझ को कम करने के लिए इस कानून में यह प्रावधान किया गया था कि 6 से 14 साल तक के बच्चों को पहली से आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा इन कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों को फेल की श्रेणी में नहीं लाया जाएगा। कानून का एकमात्र उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा मुहैया कराना था। विद्यार्थियों को फेल की श्रेणी में न लाने के प्रावधान के चलते ही बोर्ड हटाया गया लेकिन बोर्ड हटाने के बाद शिक्षा के स्तर में पिछले 4 वर्षों में गिरावट आई। इस प्रावधान के तहत आठवीं पास बच्चे जब दसवीं में गए तो उनकी क्षमता पहले के मुकाबले कमजोर रही। नतीजा यह हुआ कि दसवीं के परिणाम कसौटी पर खरे नहीं उतरे। ॥5वीं व 8वीं कक्षा में बोर्ड दोबारा लागू करने पर काम किया जा रहा है। इसके लिए रिपोर्ट बना ली गई है। बोर्ड टूटने से दसवीं के रिजल्ट में गिरावट देखी जा रही थी जिसके चलते बोर्ड बनाने पर विचार किया गया। आरटीई एक्ट में भी बदलाव की तैयारी हो रही है। गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा। ॥बोर्ड के दोबारा लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। इस बारे में शिक्षा मंत्री ही अंतिम निर्णय लेंगी। अभी बोर्ड के पास इस बारे में कोई फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है। अगर सरकार द्वारा बोर्ड के पास कोई निर्देश भेजे जाएंगे, तो उसको अमल में लाया जाएगा। अभी कोई निर्देश नहीं आए हैं। अंशज सिंह, सचिव, शिक्षा बोर्ड

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