चंडीगढ़ : हरियाणा में शांत चल रहे मास्टर वर्ग
को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बैठे बिठाए बड़ा मुद्दा हाथ
लग गया है। प्रधानाचार्य पद के लिए
मुख्याध्यापकों का कोटा घटाने से मास्टर आहत हैं और आंदोलन
की रणनीति बनाने पर जुट गए हैं।
अभी तक मुख्याध्यापकों का प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के
लिए 33 प्रतिशत कोटा था, जबकि पीजीटी का 67 फीसद।
सरकार ने पीजीटी को राहत देते हुए उनका कोटा बढ़ाकर 80
प्रतिशत कर दिया है, जबकि मुख्याध्यापकों के कोटे में 13 फीसद
की कमी कर दी गई है।
प्रदेश सरकार ने पदोन्नति कोटा कम करने के पीछे जो तर्क दिया है
वह मास्टरों की समझ से परे है। सरकार ने मुख्याध्यापकों के स्वीकृत
पदों को इसका आधार बनाया है, जबकि यह
नहीं देखा गया कि इससे मुख्याध्यापक का फीडर
कैडर, मास्टर, भाषा अध्यापक व प्राथमिक शिक्षक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।1 चूंकि फीडर कैडर से ही मुख्याध्यापक पद पर पदोन्नति होनी है। सीधे मुख्याध्यापक की नियुक्तियों पर तो शिक्षा विभाग पहले ही विराम लगा चुका है। मास्टर वर्ग इससे खफा है और जल्द ही पदोन्नति कोटा घटाने पर निर्णायक संघर्ष का ऐलान करेगा।
कैडर, मास्टर, भाषा अध्यापक व प्राथमिक शिक्षक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।1 चूंकि फीडर कैडर से ही मुख्याध्यापक पद पर पदोन्नति होनी है। सीधे मुख्याध्यापक की नियुक्तियों पर तो शिक्षा विभाग पहले ही विराम लगा चुका है। मास्टर वर्ग इससे खफा है और जल्द ही पदोन्नति कोटा घटाने पर निर्णायक संघर्ष का ऐलान करेगा।
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