जो छात्र प्रतिभाशाली हैं, तकनीकी या सामान्य पढ़ाई में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। माता-पिता की आय प्रति माह पांच हजार रुपये से ज्यादा नहीं है। किसी शहीद की विधवा या परित्यक्ता के बच्चे हैं अथवा विकलांग हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति के हैं या फिर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की लड़की हैं। इसके बावजूद केंद्र या राज्य सरकार से कोई छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। ऐसे जरूरतमंद मेधावी छात्रों को 20-40 हजार रुपये की एकमुश्त मदद दी जाएगी। बशर्ते, उन्होंने सीबीएसई ग्रेडिंग सिस्टम के तहत हाईस्कूल या
इंटर में कम से कम बी-1 ग्रेड हासिल किया हो। 1केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के विवेकाधीन कोष से एक बार दी जाने वाली इस आर्थिक मदद को पाने के लिए छात्रों को निश्चित प्रोफार्मा पर आवेदन करना होगा। हाईस्कूल में कम से कम बी-1 ग्रेड लाने वाले छात्र को 20 हजार रुपये और इंटरमीडिएट में बी-1 ग्रेड पर 40 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के ग्रेडिंग सिस्टम में 91-100 अंकों पर ए-1 ग्रेड, 81-90 पर ए-2 और 71 से 80 अंक पर बी-1 ग्रेड माना गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक संयुक्त सचिव को यह जिम्मेदारी दी गई है। विस्तृत ब्योरा मंत्रलय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है। 1नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के लिए बनी टास्क फोर्स1यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) शिक्षा से जुड़ी दूसरी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही टेस्टिंग एजेंसी बनाने की कवायद तेज हो गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने आइआइटी, कानपुर के पूर्व निदेशक संजय धांडे की अगुआई में सात सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। यूजीसी, एआइसीटीई, सीबीएसई और एनसीईआरटी के प्रतिनिधि भी इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे।
इंटर में कम से कम बी-1 ग्रेड हासिल किया हो। 1केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री के विवेकाधीन कोष से एक बार दी जाने वाली इस आर्थिक मदद को पाने के लिए छात्रों को निश्चित प्रोफार्मा पर आवेदन करना होगा। हाईस्कूल में कम से कम बी-1 ग्रेड लाने वाले छात्र को 20 हजार रुपये और इंटरमीडिएट में बी-1 ग्रेड पर 40 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के ग्रेडिंग सिस्टम में 91-100 अंकों पर ए-1 ग्रेड, 81-90 पर ए-2 और 71 से 80 अंक पर बी-1 ग्रेड माना गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक संयुक्त सचिव को यह जिम्मेदारी दी गई है। विस्तृत ब्योरा मंत्रलय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध करा दिया गया है। 1नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के लिए बनी टास्क फोर्स1यूजीसी की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) शिक्षा से जुड़ी दूसरी सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही टेस्टिंग एजेंसी बनाने की कवायद तेज हो गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने आइआइटी, कानपुर के पूर्व निदेशक संजय धांडे की अगुआई में सात सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। यूजीसी, एआइसीटीई, सीबीएसई और एनसीईआरटी के प्रतिनिधि भी इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे।
No comments:
Post a Comment