अगले सप्ताह होने वाली हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा पर फिर संकट के बादल छा गए हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित इस परीक्षा की स्कीम आफ एग्जामको हाई कोर्ट में चुनौती दीगई है। हिसार जिले के सत्यवान व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए स्कीम आफ एग्जाम के लिए जारी किए गए उस निर्देश को रद करने की मांग की गई है जिसके तहत पेपर एक में अंग्रेजी को अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यह भाषाहिंदी थी। नियम के अनुसार पेपर एक के रूप में उसी भाषा में परीक्षा होती है जिसमें अध्यापकों को बच्चों को पढ़ाना होता है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील पदम कांत द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हरियाणा पात्रता परीक्षा के लिए जो सिलेबस सिस्टम अपनाया है, वह पूर्णरूप से नियमों के खिलाफ है।1बोर्ड ने शिक्षा विभाग, नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन व राज भाषा के नियमको ताक पर रख कर इस परीक्षा में अंग्रेजी को मुख्य भाषापेपर एक तय किया है और इसमें सभी छात्रों को पास करना भी जरूरी किया है। बहसके दौरान द्विवेदी ने कोर्टको बताया कि अभी तक जितनी बार भी अध्यापक पात्रता परीक्षा हुई है, इसमें हिंदी को मुख्य पेपर भाषा एक में रखा जाता था तथा अन्य भाषा को पेपर दो में रखा जाता था। याचिका के अनुसार नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों कोप्राथमिक शिक्षा उनकी मातृ भाषा में दी जाए व पेपर एक भाषा पढ़ाने के लिए माध्यम होगा। लेकिन बोर्ड ने पेपर एक में अंग्रेजी व पेपर दो में हिंदी, संस्कृत, पंजाबीया उर्दू में से एक भाषा को चुनने को कहा है जिस कारण हिंदी को अनावश्यक घोषित करदिया है।1याचिका में कहा गया है कि संस्कृत, पंजाबी व हिंदी भाषा के अध्यापकों के लिए भी पेपर एक पास करना जरूरी हो गया है। इसी तरह कक्षा एक से पांच के अध्यापकों को भी केवल हिंदीभाषा में बच्चों को पढ़ाना है लेकिन बोर्ड ने उनको भी अंग्रेजी पेपर एक पास करना जरूरी कर दिया। पदम कांत द्विवेदी ने कोर्ट से आग्रहकिया किया कि जब तक नियमों के अनुसार हिंदी भाषा एक काआदेश जारी नहीं किया जाता तब तक अगले सप्ताह होने वाली इस परीक्षा पर रोक लगाई जाए।v. 1याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद जस्टिस ए जी मसीह ने हरियाणा के शिक्षा सचिव, निदेशक स्कूली शिक्षा विभाग, सचिव हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड व नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन को24 जून के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट नेसरकार को आदेश दिया कि मामले की अगली सुनवाई से पहले वह कोर्ट में अपना लिखित जवाब फाइल करे।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील पदम कांत द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हरियाणा पात्रता परीक्षा के लिए जो सिलेबस सिस्टम अपनाया है, वह पूर्णरूप से नियमों के खिलाफ है।1बोर्ड ने शिक्षा विभाग, नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन व राज भाषा के नियमको ताक पर रख कर इस परीक्षा में अंग्रेजी को मुख्य भाषापेपर एक तय किया है और इसमें सभी छात्रों को पास करना भी जरूरी किया है। बहसके दौरान द्विवेदी ने कोर्टको बताया कि अभी तक जितनी बार भी अध्यापक पात्रता परीक्षा हुई है, इसमें हिंदी को मुख्य पेपर भाषा एक में रखा जाता था तथा अन्य भाषा को पेपर दो में रखा जाता था। याचिका के अनुसार नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों कोप्राथमिक शिक्षा उनकी मातृ भाषा में दी जाए व पेपर एक भाषा पढ़ाने के लिए माध्यम होगा। लेकिन बोर्ड ने पेपर एक में अंग्रेजी व पेपर दो में हिंदी, संस्कृत, पंजाबीया उर्दू में से एक भाषा को चुनने को कहा है जिस कारण हिंदी को अनावश्यक घोषित करदिया है।1याचिका में कहा गया है कि संस्कृत, पंजाबी व हिंदी भाषा के अध्यापकों के लिए भी पेपर एक पास करना जरूरी हो गया है। इसी तरह कक्षा एक से पांच के अध्यापकों को भी केवल हिंदीभाषा में बच्चों को पढ़ाना है लेकिन बोर्ड ने उनको भी अंग्रेजी पेपर एक पास करना जरूरी कर दिया। पदम कांत द्विवेदी ने कोर्ट से आग्रहकिया किया कि जब तक नियमों के अनुसार हिंदी भाषा एक काआदेश जारी नहीं किया जाता तब तक अगले सप्ताह होने वाली इस परीक्षा पर रोक लगाई जाए।v. 1याचिकाकर्ता के वकील की दलील सुनने के बाद जस्टिस ए जी मसीह ने हरियाणा के शिक्षा सचिव, निदेशक स्कूली शिक्षा विभाग, सचिव हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड व नेशनल काउंसिल आफ टीचर एजुकेशन को24 जून के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट नेसरकार को आदेश दिया कि मामले की अगली सुनवाई से पहले वह कोर्ट में अपना लिखित जवाब फाइल करे।
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