Wednesday, May 6, 2015

AAJ KA VICHAR: OSHO

अगर इस संसार में हर व्यक्ति एक बात तय कर ले कि मैं वही कहूंगा जो मुझे पता है, तो इस दुनिया का भटकाव मिट जाए। सिर्फ इतनी सी बात तय कर ले कि मैं वही कहूंगा, जो मुझे पता है। मैं अनाधिकार बात न कहूंगा। जो मुझे पता नहीं है, मैं स्वीकार कर लूंगा, मुझे पता नहीं है। अगर इतने पर भी मनुष्य राजी हो जाए, तो इस दुनिया से भटकाव मिट जाए। और सत्य को खोज लेना कठिन न हो। "Osho"

Osho says: "प्रेम जहां लेन-देन है, वहां बहुत जल्दी घृणा में परिणत हो सकता है, क्योंकि वहां प्रेम है ही नहीं। लेकिन जहां प्रेम केवल देना है, वहां वह शाश्वत है, वहां वह टूटता नहीं। वहां कोई टूटने का प्रश्न नहीं, क्योंकि मांग थी ही नहीं। आपसे कोई अपेक्षा न थी कि आप क्या करेंगे तब मैं प्रेम करूंगा। कोई कंडीशन नहीं थी। प्रेम हमेशा अनकंडीशनल है। कर्तव्य, उत्तरदायित्व, वे सब अनकंडीशनल हैं, वे सब प्रेम के रूपांतरण हैं।"

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