सिविल सेवा परीक्षा में सीसैट रहेगा
सौ नंबर के प्रश्न पत्र में पिछली बार यह हिस्सा करीब 22-23 नंबर का था। लेकिन पिछली बार प्रश्न पत्र बनने के बाद घोषणा हुई थी। लेकिन इस बार पहले ही ऐलान कर दिया गया है इसलिए प्रश्न पत्र में यह हिस्सा होगा ही नहीं।
अंग्रेजी से फिर मिली छूट, परीक्षा के नियमों की घोषणा
नई दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय ने सिविल सेवा परीक्षा (प्री) से सीसैट प्रश्न पत्र को हटाने से इनकार कर दिया है। इस साल के लिए सिविल सेवा परीक्षा के नियमों की घोषणा कर दी गई है, जिसमें सीसैट को जारी रखा गया है। अलबत्ता पिछले साल की तरह इस बार भी सीसैट के अंग्रेजी हिस्से को हटा दिया गया है। हालांकि सिविल सेवा परीक्षा में बैठने वाले हिंदी भाषी छात्रों की मांग थी कि सीसैट पेपर ही हटा दिया जाना चाहिए। कार्मिक मंत्रालय
ने बुधवार को सूचित किया है कि इस मुद्दे पर गठित की गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर सिविल सेवा परीक्षा नियम 2015 घोषित कर दिए गए हैं। समिति की सिफारिशों के आधार पर कार्मिक मंत्रालय ने फैसला लिया है कि सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक) में जनरल स्टडीज पेपर -2 जारी रहेगा। इस पेपर को सीसैट के नाम से भी जाना जाता है जो मूलत एक एप्टीट्यूड टेस्ट पर आधारित है। यह क्वालिफाइंग प्रश्नपत्र होता है जिसमें छात्रों के लिए कम से कम 33 फीसदी अंक लाने जरूरी होते हैं। इस प्रश्न पत्र को हटाने के लिए छात्रों ने पिछले साल बड़ा आंदोलन किया था क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार समेत हिन्दी भाषी राज्यों के वे छात्र पिछड़ रहे थे जो कोचिंग नहीं ले पाते हैं। संसद में भी यह मामला उठा था और तब सरकार ने इसमें से अंग्रेजी का हिस्सा हटाने की घोषणा की थी और एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति अभी भी इस पर कार्य कर रही है लेकिन इस साल के लिए उसने पिछले साल जैसी ही व्यवस्था बनाई है।कार्मिक मंत्रालय के अनुसार सीसैट में से अंग्रेजी के ज्ञान से जुड़े इंग्लिस लेंग्वेज कंप्रहेंसन स्किल (अंग्रेजी भाषा को समझने का कौशल) के हिस्से को इस बार भी अलग रखने का निर्णय लिया गया है।
सौ नंबर के प्रश्न पत्र में पिछली बार यह हिस्सा करीब 22-23 नंबर का था। लेकिन पिछली बार प्रश्न पत्र बनने के बाद घोषणा हुई थी। लेकिन इस बार पहले ही ऐलान कर दिया गया है इसलिए प्रश्न पत्र में यह हिस्सा होगा ही नहीं।
सौ नंबर के प्रश्न पत्र में पिछली बार यह हिस्सा करीब 22-23 नंबर का था। लेकिन पिछली बार प्रश्न पत्र बनने के बाद घोषणा हुई थी। लेकिन इस बार पहले ही ऐलान कर दिया गया है इसलिए प्रश्न पत्र में यह हिस्सा होगा ही नहीं।
अंग्रेजी से फिर मिली छूट, परीक्षा के नियमों की घोषणा
नई दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय ने सिविल सेवा परीक्षा (प्री) से सीसैट प्रश्न पत्र को हटाने से इनकार कर दिया है। इस साल के लिए सिविल सेवा परीक्षा के नियमों की घोषणा कर दी गई है, जिसमें सीसैट को जारी रखा गया है। अलबत्ता पिछले साल की तरह इस बार भी सीसैट के अंग्रेजी हिस्से को हटा दिया गया है। हालांकि सिविल सेवा परीक्षा में बैठने वाले हिंदी भाषी छात्रों की मांग थी कि सीसैट पेपर ही हटा दिया जाना चाहिए। कार्मिक मंत्रालय
ने बुधवार को सूचित किया है कि इस मुद्दे पर गठित की गई विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर सिविल सेवा परीक्षा नियम 2015 घोषित कर दिए गए हैं। समिति की सिफारिशों के आधार पर कार्मिक मंत्रालय ने फैसला लिया है कि सिविल सेवा परीक्षा (प्रारंभिक) में जनरल स्टडीज पेपर -2 जारी रहेगा। इस पेपर को सीसैट के नाम से भी जाना जाता है जो मूलत एक एप्टीट्यूड टेस्ट पर आधारित है। यह क्वालिफाइंग प्रश्नपत्र होता है जिसमें छात्रों के लिए कम से कम 33 फीसदी अंक लाने जरूरी होते हैं। इस प्रश्न पत्र को हटाने के लिए छात्रों ने पिछले साल बड़ा आंदोलन किया था क्योंकि उत्तर प्रदेश, बिहार समेत हिन्दी भाषी राज्यों के वे छात्र पिछड़ रहे थे जो कोचिंग नहीं ले पाते हैं। संसद में भी यह मामला उठा था और तब सरकार ने इसमें से अंग्रेजी का हिस्सा हटाने की घोषणा की थी और एक विशेषज्ञ समिति गठित की थी। समिति अभी भी इस पर कार्य कर रही है लेकिन इस साल के लिए उसने पिछले साल जैसी ही व्यवस्था बनाई है।कार्मिक मंत्रालय के अनुसार सीसैट में से अंग्रेजी के ज्ञान से जुड़े इंग्लिस लेंग्वेज कंप्रहेंसन स्किल (अंग्रेजी भाषा को समझने का कौशल) के हिस्से को इस बार भी अलग रखने का निर्णय लिया गया है।
सौ नंबर के प्रश्न पत्र में पिछली बार यह हिस्सा करीब 22-23 नंबर का था। लेकिन पिछली बार प्रश्न पत्र बनने के बाद घोषणा हुई थी। लेकिन इस बार पहले ही ऐलान कर दिया गया है इसलिए प्रश्न पत्र में यह हिस्सा होगा ही नहीं।
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