चंडीगढ़। विभिन्न सरकारी सुविधाओं के लिए आधार कार्ड को जरूरी बनाने के हरियाणा सरकार के फैसले को चुनौती संबंधी याचिका पर सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जवाब के लिए दो दिन का समय दिया है। मामले पर 28 मई के लिए सुनवाई तय करते हुए जस्टिस आरके जैन ने हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है।
समाज सेवी सुधार यादव की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि स्कूलों में छात्रों के प्रवेश, छात्रवृत्ति की सुविधा, शुल्क रियायत आदि तमाम सुविधाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बना दिया गया है। हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों और राज्य भर में विभिन्न सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत लाभ उठाने में प्रवेश के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप रापडिया ने बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद हरियाणा सरकार
विभिन्न स्कूलों और सरकार के विभिन्न विभागों में अन्य लाभ पाने के लिए लोगों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि स्कूल में आधार कार्ड की जिद के खिलाफ जिला शिक्षा कार्यालय के पास जाने के बाद याचिकाकर्ता जब मुख्यमंत्री विंडो पर अपनी शिकायत रजिस्टर करने के लिए चला गया; वहां बताया गया कि याचिकाकर्ता का आधार कार्ड शिकायतों को दर्ज करने के लिए अनिवार्य है। हजारों छात्र आधार कार्ड जमा नहीं करा पाने के कारण स्कूलों में प्रवेश और अन्य सुविधाओं से वंचित है। ऐसे में आधार कार्ड की अनिवार्यता की शर्त को समाप्त किया जाए।
विभिन्न स्कूलों और सरकार के विभिन्न विभागों में अन्य लाभ पाने के लिए लोगों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है। हैरानी की बात तो ये है कि स्कूल में आधार कार्ड की जिद के खिलाफ जिला शिक्षा कार्यालय के पास जाने के बाद याचिकाकर्ता जब मुख्यमंत्री विंडो पर अपनी शिकायत रजिस्टर करने के लिए चला गया; वहां बताया गया कि याचिकाकर्ता का आधार कार्ड शिकायतों को दर्ज करने के लिए अनिवार्य है। हजारों छात्र आधार कार्ड जमा नहीं करा पाने के कारण स्कूलों में प्रवेश और अन्य सुविधाओं से वंचित है। ऐसे में आधार कार्ड की अनिवार्यता की शर्त को समाप्त किया जाए।
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