रोजगार बचाने के लिए रोहतक में महा पड़ाव के छठे दिन कैथल जिला के अतिथि अध्यापक अनशन पर बैठे। अध्यक्षता प्रदेश महासचिव राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने की। ... राजेंद्र शर्मा ने अनशन पर बैठे अतिथि अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों की आन, बान और शान को बचाने वाले अतिथि अध्यापक आज खुद अपना रोजगार बचाने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षो से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ा है, जिसका श्रेय अतिथि अध्यापकों को जाता है। लेकिन सरकार अतिथि अध्यापकों को इनाम देने की बजाय उनको बेरोजगार करने पर तुली हुई है। सरकार की तरफ से रोजाना बयान दिए जाते है कि कोर्ट में केस चल रहा है, जिसके कारण कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। लेकिन यह गलत है क्योंकि अतिथि अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में कोई केस पेंडिंग नहीं है। सरकार सकारात्मक सोच का परिचय देती तो नई पालिसी बनाकर अतिथि अध्यापकों को नियमित किया जा सकता है। जिला अध्यक्ष सुभाष ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अतिथि अध्यापकों के साथ यू एंड थ्रो की नीति अपना रही है। लेकिन सरकार को यह नहीं पता कि प्रदेश में 15 हजार से अधिक अतिथि अध्यापक चुनाव में निर्णायक साबित हो सकते हैं। अतिथि अध्यापक 15 हजार नहीं बल्कि उन के परिवार व रिश्तेदार भी है, जो अपने बच्चों के रोजगार खोने के डर से काफी खफा हैं। ऐसे में सरकार को शीघ्र ही कोई सकारात्मक कदम उठाने की जरुरत है। इस अवसर पर रामचंद्र तंवर, सुखविंदर बरसाना, महेंद्र, गुलशन चुघ, नरेंद्र, रमेश, सतबीर सौंगल, मदन गोपाल, राजकुमारी, कुसुमलता, रंजना, रीटा, रामरती, सुनीता, गीता रानी मौजूद थे।
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