नौकरी का आवेदन देने या प्रतियोगी परीक्षा फॉर्म भरने के लिए सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी अटेस्टेड कराने को लेकर अब युवकों को अफसरों के दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वे खुद सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी को अटेस्ट कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर राज्य सरकारों को इस नियम को लागू करने का आदेश दिया है। इससे पहले चाहे कॉलेज में नामांकन हो, नई वैकेंसी के लिए आवेदन भरना हो या फिर
नौकरी मिलने के बाद प्रमाण पत्रों की जांच करानी हो,तो गजटेड अधिकारियों से अटेस्टेड कराना पड़ता था। इस चक्कर में छात्रों का काफी समय बर्बाद हो जाता था। अटेस्टेड कराने के लिए छात्रों को कई दिनों तक समाहरणालय के कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता था। उनका काफी समय इसी में निकल जाता था। इस कारण उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कम समय मिलता था। केंद्र सरकार के इस फैसले से अब उन्हें राहत मिलेगी। परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें अधिक समय मिलेगा और परेशानी भी नहीं होगी। फर्जीवाड़े से डरते थे अफसर फर्जीवाड़े से बचने के लिए अफसर सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी को अटेस्टेड नहीं करते थे। उन्हें प्रमाणपत्र की मूल कॉपी पर भी संदेह होता था। उपायुक्त विनय कुमार चौबे ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि बिना वेरीफिकेशन के अटेस्टेड करने में मुश्किल होती है।
नौकरी मिलने के बाद प्रमाण पत्रों की जांच करानी हो,तो गजटेड अधिकारियों से अटेस्टेड कराना पड़ता था। इस चक्कर में छात्रों का काफी समय बर्बाद हो जाता था। अटेस्टेड कराने के लिए छात्रों को कई दिनों तक समाहरणालय के कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता था। उनका काफी समय इसी में निकल जाता था। इस कारण उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कम समय मिलता था। केंद्र सरकार के इस फैसले से अब उन्हें राहत मिलेगी। परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें अधिक समय मिलेगा और परेशानी भी नहीं होगी। फर्जीवाड़े से डरते थे अफसर फर्जीवाड़े से बचने के लिए अफसर सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी को अटेस्टेड नहीं करते थे। उन्हें प्रमाणपत्र की मूल कॉपी पर भी संदेह होता था। उपायुक्त विनय कुमार चौबे ने भी इस बात को स्वीकार किया था कि बिना वेरीफिकेशन के अटेस्टेड करने में मुश्किल होती है।
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