खुद को नियमित करने की मांग को लेकर आठ साल से संघर्ष कर रहे प्रदेश भर के हजारों अतिथि अध्यापकों ने रविवार को सेक्टर छह स्थित हुडा ग्राउंड में अपने परिवारों सहित गांधीगिरी दिखाई। प्रदेश सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में नारेबाजी करते हुए अतिथि अध्यापकों ने चेतावनी दी कि इस बार रोजगार पक्का होने तक वे सीएम सिटी को छोड़ कर नहीं जाएंगे। संघर्ष के तहत 19 दिनों तक जिलेवार क्रमिक अनशन करेंगे। रैली
स्थल पर शाम करीब 6 बजे पहुंचे डीएसपी अतिरिक्त उपायुक्त रमेश चंद्र बिधान को अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
दोपहर करीब 12 बजे, हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले प्रदेश के 21 जिलों से हजारों की संख्या में अतिथि अध्यापक परिजनों सहित रोहतक पहुंचे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक ने कहा कि वर्तमान सरकार आठ वर्षों से कार्यरत अतिथि अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, लेकिन अब इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि रोजगार सुरक्षित न होने की वजह से अतिथि अध्यापक भयभीत हैं। अब वे उस दिन ही मुख्यमंत्री के गृह जिले को छोड़ेंगे, जब उनकी सभी मांगे मान ली जाएंगी।
19 दिनों तक जिलेवार क्रमिक अनशन करने के बाद वे 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन राज्यस्तरीय मीटिंग करके आर पार की लड़ाई की रणनीति बनाएंगे। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष रणबीर सुहाग ने कहा कि वे अपने अधिकारों को लेने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। वे शांतिपूर्वक तरीके से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं, अगर सरकार या प्रशासन ने दबाव बनाया तो वे मुंह तोड़ जवाब देंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
नियमित करने की मांग को लेकर अतिथि अध्यापक 8 वर्षों में अब तक 32 रैलियां कर चुके हैं, लेकिन उन्हें उच्च अधिकारियों से लेकर राज्य सरकार की हाईकमान तक झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ और नहीं मिला है। हजारों की संख्या में जिला व ब्लॉक स्तर पर धरने और प्रदर्शन कर चुके हैं।
साथ ही, मुख्यमंत्री को 70, सांसदों को 1, विधायकों को 2, उपायुक्तों को 100 और एसडीएम को 20 से 25 बार ज्ञापन सौंप चुके है।
सीएम सिटी में 15 बड़ी रैलियां
संघ के प्रधान महासचिव राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने बताया कि साल 2008 में 7 सितंबर को रोहतक में बहुत बड़ी रैली की थी। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा लाठियां और गोलियां चलाने के कारण उनकी बहन राजरानी को शहीद होना पड़ा। उन्होंने बताया कि अब तक सीएम सिटी में 15 बड़ी रैलियां कर चुके हैं। इनमें से साल 2010 में 19 सितंबर की रैली के बाद दो माह तक अनिश्चितकालीन धरना, साल 2011 में 24 मार्च, साल 2012 में 23 मार्च और साल 2013 में 3 मार्च की प्रदेशस्तरीय रैलियां की गई हैं।
किस दिन, कौन सा जिला करेगा अनशन
दिनांक जिला
11 अगस्त करनाल
12 अगस्त कुरुक्षेत्र
13 अगस्त सिरसा
14 अगस्त रेवाड़ी
15 अगस्त कैथल
16 अगस्त भिवानी
17 अगस्त रोहतक व झज्जर
18 अगस्त जींद
19 अगस्त यमुनानगर
20 अगस्त सोनीपत
21 अगस्त गुडग़ांव
22 अगस्त पंचकुला
23 अगस्त पलवल
24 अगस्त पानीपत
25 अगस्त अंबाला
26 अगस्त हिसार
27 अगस्त फरीदाबाद
28 अगस्त फतेहाबाद
29 अगस्त मेवात
कहां, कितने अतिथि अध्यापक कार्यरत
जिला कुल संख्या
रोहतक 120
हिसार 477
रेवाड़ी 502
पलवल 870
फरीदाबाद 880
पंचकलां 450
गुडग़ांव 1020
करनाल 660
मेवात 1200
महेंद्रगढ़ 450
झज्जर 135
पानीपत 517
सोनीपत 580
कैथल 1128
कुरुक्षेत्र 687
अम्बाला 722
यमुनानगर 920
भिवानी 860
सिरसा 934
फतेहाबाद 1224
जींद 672
स्थल पर शाम करीब 6 बजे पहुंचे डीएसपी अतिरिक्त उपायुक्त रमेश चंद्र बिधान को अध्यापकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
दोपहर करीब 12 बजे, हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के बैनर तले प्रदेश के 21 जिलों से हजारों की संख्या में अतिथि अध्यापक परिजनों सहित रोहतक पहुंचे। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरुण मलिक ने कहा कि वर्तमान सरकार आठ वर्षों से कार्यरत अतिथि अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, लेकिन अब इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि रोजगार सुरक्षित न होने की वजह से अतिथि अध्यापक भयभीत हैं। अब वे उस दिन ही मुख्यमंत्री के गृह जिले को छोड़ेंगे, जब उनकी सभी मांगे मान ली जाएंगी।
19 दिनों तक जिलेवार क्रमिक अनशन करने के बाद वे 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन राज्यस्तरीय मीटिंग करके आर पार की लड़ाई की रणनीति बनाएंगे। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष रणबीर सुहाग ने कहा कि वे अपने अधिकारों को लेने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। वे शांतिपूर्वक तरीके से अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं, अगर सरकार या प्रशासन ने दबाव बनाया तो वे मुंह तोड़ जवाब देंगे। जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
नियमित करने की मांग को लेकर अतिथि अध्यापक 8 वर्षों में अब तक 32 रैलियां कर चुके हैं, लेकिन उन्हें उच्च अधिकारियों से लेकर राज्य सरकार की हाईकमान तक झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ और नहीं मिला है। हजारों की संख्या में जिला व ब्लॉक स्तर पर धरने और प्रदर्शन कर चुके हैं।
साथ ही, मुख्यमंत्री को 70, सांसदों को 1, विधायकों को 2, उपायुक्तों को 100 और एसडीएम को 20 से 25 बार ज्ञापन सौंप चुके है।
सीएम सिटी में 15 बड़ी रैलियां
संघ के प्रधान महासचिव राजेंद्र शर्मा शास्त्री ने बताया कि साल 2008 में 7 सितंबर को रोहतक में बहुत बड़ी रैली की थी। इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा लाठियां और गोलियां चलाने के कारण उनकी बहन राजरानी को शहीद होना पड़ा। उन्होंने बताया कि अब तक सीएम सिटी में 15 बड़ी रैलियां कर चुके हैं। इनमें से साल 2010 में 19 सितंबर की रैली के बाद दो माह तक अनिश्चितकालीन धरना, साल 2011 में 24 मार्च, साल 2012 में 23 मार्च और साल 2013 में 3 मार्च की प्रदेशस्तरीय रैलियां की गई हैं।
किस दिन, कौन सा जिला करेगा अनशन
दिनांक जिला
11 अगस्त करनाल
12 अगस्त कुरुक्षेत्र
13 अगस्त सिरसा
14 अगस्त रेवाड़ी
15 अगस्त कैथल
16 अगस्त भिवानी
17 अगस्त रोहतक व झज्जर
18 अगस्त जींद
19 अगस्त यमुनानगर
20 अगस्त सोनीपत
21 अगस्त गुडग़ांव
22 अगस्त पंचकुला
23 अगस्त पलवल
24 अगस्त पानीपत
25 अगस्त अंबाला
26 अगस्त हिसार
27 अगस्त फरीदाबाद
28 अगस्त फतेहाबाद
29 अगस्त मेवात
कहां, कितने अतिथि अध्यापक कार्यरत
जिला कुल संख्या
रोहतक 120
हिसार 477
रेवाड़ी 502
पलवल 870
फरीदाबाद 880
पंचकलां 450
गुडग़ांव 1020
करनाल 660
मेवात 1200
महेंद्रगढ़ 450
झज्जर 135
पानीपत 517
सोनीपत 580
कैथल 1128
कुरुक्षेत्र 687
अम्बाला 722
यमुनानगर 920
भिवानी 860
सिरसा 934
फतेहाबाद 1224
जींद 672
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