गेस्ट टीचरों ने साधा मौन तो पुलिस के उड़े होश
अमर उजाला ब्यूरो करनाल। सेक्टर-12 स्थित ग्राउंड में महापड़ाव पर बैठे हजारों गेस्ट टीचरों ने पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग के पसीने छुड़ा दिए हैं। शनिवार को दूसरे दिन महापड़ाव स्थल पर गेस्ट टीचरों ने नियमित करने की हुंकार भरी, लेकिन आगामी विरोध की रणनीति का खुलासा नहीं किया। गेस्ट टीचर कोई बड़ा कदम न उठा जाए, इसलिए पुलिस का सख्त पहरा रहा। पुलिस की कई टुकड़ियां अलग-अलग जगह पर तैनात रही और बहुत से जवान गर्मी से बचते हुए पेड़ों के नीचे जमीन पर बैठकर गेस्ट टीचरों पर नजर रखी। दोपहर तक तरह-तरह की अफवाहें और सूचना चलती रहीं, उधर सीएम के आगमन को लेकर पुलिस काफी अलर्ट रही। लेकिन दोपहर दो बजे तक अतिथि अध्यापकों ने अपने विरोध के तरीके का खुलासा नहीं किया और खुफिया विभाग को गलत जानकारी देते रहे। पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में गेस्ट टीचर बने और उनके बीच में बैठकर उनके मन की बात लेते रहे। आखिरकार दो बजे उन्होंने सिर मुंडन का खुलासा किया। शनिवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शहर में कई प्रोग्राम होने के कारण भी पुलिस को सुरक्षा को लेकर टेंशन
बनी रही। जैसे-जैसे मुख्यमंत्री के आगमन का टाइम नजदीक आया, पुलिस ने गेस्ट टीचरों के चारों तरफ पहरा बढ़ा दिया, ताकि गेस्ट टीचर विरोध जताने सड़क पर या मुख्यमंत्री के सामने न पहुंच पाये। शनिवार को गेस्ट टीचरों द्वारा डाला गया महापड़ाव का दूसरा दिन रहा। गेस्ट टीचर तपते टैंट के नीचे नियमित करने की मांग को लेकर शांति से विरोध जता रहे हैं। गेस्ट टीचरों ने अपने भाषण में इतना जिक्र जरूर किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गेस्ट टीचरों के बीच आना चाहिए। सरकार कोर्ट को गलत आंकड़े पेशकर गुमराह कर रही है। सरकार की यह नीति बहुत गलत है। इसको गेस्ट टीचर सहन नहीं करेंगे। गेस्ट टीचर अनीता, शकुंतला, शशि बाला ने चेतावनी दी कि नियमित होकर ही उठेंगे। इसके लिए जान दे देंगे। हमें आश्वासन नहीं, सरकार का फैसला चाहिए। खुफिया विभाग के परेशानी यह है कि अतिथि अध्यापक संघ की कार्यकारिणी के सदस्य अब कोई आगामी जानकारी नहीं दे रहे हैं। पुलिस व प्रशासन को दिनभर खतरा रहा कि कहीं अतिथि अध्यापक विरोध स्वरूप सीएम तक न पहुंच जाएं।
अमर उजाला ब्यूरो करनाल। सेक्टर-12 स्थित ग्राउंड में महापड़ाव पर बैठे हजारों गेस्ट टीचरों ने पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग के पसीने छुड़ा दिए हैं। शनिवार को दूसरे दिन महापड़ाव स्थल पर गेस्ट टीचरों ने नियमित करने की हुंकार भरी, लेकिन आगामी विरोध की रणनीति का खुलासा नहीं किया। गेस्ट टीचर कोई बड़ा कदम न उठा जाए, इसलिए पुलिस का सख्त पहरा रहा। पुलिस की कई टुकड़ियां अलग-अलग जगह पर तैनात रही और बहुत से जवान गर्मी से बचते हुए पेड़ों के नीचे जमीन पर बैठकर गेस्ट टीचरों पर नजर रखी। दोपहर तक तरह-तरह की अफवाहें और सूचना चलती रहीं, उधर सीएम के आगमन को लेकर पुलिस काफी अलर्ट रही। लेकिन दोपहर दो बजे तक अतिथि अध्यापकों ने अपने विरोध के तरीके का खुलासा नहीं किया और खुफिया विभाग को गलत जानकारी देते रहे। पुलिस के जवान सिविल ड्रेस में गेस्ट टीचर बने और उनके बीच में बैठकर उनके मन की बात लेते रहे। आखिरकार दो बजे उन्होंने सिर मुंडन का खुलासा किया। शनिवार शाम को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के शहर में कई प्रोग्राम होने के कारण भी पुलिस को सुरक्षा को लेकर टेंशन
बनी रही। जैसे-जैसे मुख्यमंत्री के आगमन का टाइम नजदीक आया, पुलिस ने गेस्ट टीचरों के चारों तरफ पहरा बढ़ा दिया, ताकि गेस्ट टीचर विरोध जताने सड़क पर या मुख्यमंत्री के सामने न पहुंच पाये। शनिवार को गेस्ट टीचरों द्वारा डाला गया महापड़ाव का दूसरा दिन रहा। गेस्ट टीचर तपते टैंट के नीचे नियमित करने की मांग को लेकर शांति से विरोध जता रहे हैं। गेस्ट टीचरों ने अपने भाषण में इतना जिक्र जरूर किया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गेस्ट टीचरों के बीच आना चाहिए। सरकार कोर्ट को गलत आंकड़े पेशकर गुमराह कर रही है। सरकार की यह नीति बहुत गलत है। इसको गेस्ट टीचर सहन नहीं करेंगे। गेस्ट टीचर अनीता, शकुंतला, शशि बाला ने चेतावनी दी कि नियमित होकर ही उठेंगे। इसके लिए जान दे देंगे। हमें आश्वासन नहीं, सरकार का फैसला चाहिए। खुफिया विभाग के परेशानी यह है कि अतिथि अध्यापक संघ की कार्यकारिणी के सदस्य अब कोई आगामी जानकारी नहीं दे रहे हैं। पुलिस व प्रशासन को दिनभर खतरा रहा कि कहीं अतिथि अध्यापक विरोध स्वरूप सीएम तक न पहुंच जाएं।
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