अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के बाहर जनवरी माह से धरना दे रहे हरियाणा के सरकारी स्कूलों के कंप्यूटर शिक्षकों को सोमवार को फिर से आश्वासन मिला है। इस बार भी सरकार की ओर से उनकी मांगों पर फैसला लिए जाने की बात कही गई है। सोमवार को महेंद्रगढ़ में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के आवास का घेराव कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों से शर्मा ने घर से बाहर आकर मुलाकात की और उन्हें चंडीगढ़ में 6 मई को बैठक में पहुंचने के लिए कहा, जिसमें शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को भी बुलाया गया है।
बीते दिनों शिक्षा मंत्री के चंडीगढ़ स्थित आवास पर भी कंप्यूटर शिक्षक उनसे मिले थे, जहां शिक्षा मंत्री ने उनकी मांगें सुनने के बाद महिला कंप्यूटर शिक्षकों को अपने घर आई बेटियों को शगुन के रूप में 50-50 रुपये देते हुए भरोसा दिया था कि जल्दी ही वे उनकी नौकरी के बारे में सकारात्मक फैसला लेंगे। इसके बाद से कंप्यूटर शिक्षक मंत्री के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सोमवार को शिक्षकों ने महेंद्रगढ़ में शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया।
शिक्षा मंत्री के बयानों से भी शिक्षक चिंतित ः
पंचकूला में धरना दे रहे प्रदेश भर के कंप्यूटर शिक्षक इन दिनों शिक्षा मंत्री के बयानों से भी चिंतित हैं। शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश नैन का
कहना है शिक्षा मंत्री कंप्यूटर शिक्षकों के मामले में बयान दे रहे हैं कि सरकार ने शिक्षकों की पहली दो मांगें- रुका हुआ वेतन और 24000 रुपये सिक्योरिटी राशि की वापसी मान ली हैं। शिक्षक अब शिक्षा विभाग में समायोजन की नई मांग कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री के ऐसे बयानों को गलत ठहराते हुए नैन ने कहा कि कंप्यूटर शिक्षकों की डेढ़ वर्ष से यही मांग है कि उन्हें शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर जब कंप्यूटर शिक्षक दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे, तब रामबिलास शर्मा उनके बीच पहुंचे थे और उन्होंने कंप्यूटर शिक्षकों को भरोसा दिलाया था कि हरियाणा में सरकार बनने के बाद उनकी मांग को पूरा किया जाएगा। नैन ने कहा कि शिक्षा मंत्री का वेतन और सिक्योरिटी राशि की वापसी का दावा भी गलत हैं क्योंकि आज तक कंप्यूटर शिक्षकों को एक भी पैसा नहीं मिला है। संघ के प्रधान बलराम धीमान ने भी सरकार पर कोरे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर बुधवार को सरकार ने उनकी एकमात्र मांग पर फैसला नहीं लिया तो कंप्यूटर शिक्षक जान पर खेल जाने का कदम उठाएंगे।
कहना है शिक्षा मंत्री कंप्यूटर शिक्षकों के मामले में बयान दे रहे हैं कि सरकार ने शिक्षकों की पहली दो मांगें- रुका हुआ वेतन और 24000 रुपये सिक्योरिटी राशि की वापसी मान ली हैं। शिक्षक अब शिक्षा विभाग में समायोजन की नई मांग कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री के ऐसे बयानों को गलत ठहराते हुए नैन ने कहा कि कंप्यूटर शिक्षकों की डेढ़ वर्ष से यही मांग है कि उन्हें शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस मांग को लेकर जब कंप्यूटर शिक्षक दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे, तब रामबिलास शर्मा उनके बीच पहुंचे थे और उन्होंने कंप्यूटर शिक्षकों को भरोसा दिलाया था कि हरियाणा में सरकार बनने के बाद उनकी मांग को पूरा किया जाएगा। नैन ने कहा कि शिक्षा मंत्री का वेतन और सिक्योरिटी राशि की वापसी का दावा भी गलत हैं क्योंकि आज तक कंप्यूटर शिक्षकों को एक भी पैसा नहीं मिला है। संघ के प्रधान बलराम धीमान ने भी सरकार पर कोरे आश्वासन देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर बुधवार को सरकार ने उनकी एकमात्र मांग पर फैसला नहीं लिया तो कंप्यूटर शिक्षक जान पर खेल जाने का कदम उठाएंगे।
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