Tuesday, October 22, 2013

SSA KE TAHAT BANTI GAYI BOOKS KI HOGI GOONWATA JAANCH

सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए)के तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को 'शिक्षा का अधिकार' कानून के तहत दी गई किताबों की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। विभागीय अफसरों की लापरवाही के कारण सेशन शुरू होने के करीब छह माह बाद स्कूलों में पहुंची इन किताबों की क्वालिटी चेक करने का फैसला विभाग ने ही लिया है। यह जिम्मेदारी विभाग ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी है। इसके तहत दूसरी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों में बांटी गई किताबों के सैंपल जांच के लिए पंचकूला मंगवा लिए गए हैं। सभी
जिलों से मौलिक शिक्षा अधिकारी अपने यहां बांटी गई किताबों के सैंपल विभाग को भेजेंगे। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को चालू शिक्षा सत्र के शुरू में ही किताबें दी जानी थी लेकिन विभागीय अफसरों की लापरवाही से ऐसा नहीं हो पाया। किताबें छापने का ठेका जिस कंपनी को दिया गया था, वह समय तक सप्लाई देने में नाकाम रही। कई माह तक फजीहत झेलने के बाद शिक्षा विभाग ने कंपनी को दिया गया ठेका रद्द कर उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया और शॉर्ट टर्म टेंडर के जरिये छह कंपनियों से इन किताबों की प्रिंटिंग करवाई। ये कंपनियां स्कूलों में किताबें पहुंचा चुकी हैं। बच्चों को बुक्स मिलने के बाद अब विभाग ने उनकी गुणवत्ता चेक करने का फैसला किया है। असल में विभाग यह देखना चाहता है कि टेंडर में क्वालिटी से जुड़ी जिन शर्तों का जिक्र था, कंपनियों ने उनका ध्यान रखा है या नहीं? इसके तहत किताबों की प्रिंटिंग, कवर व कलर क्वालिटी आदि चेक की जाएंगी। इन किताबों की जांच विभाग की पंचकूला स्थित लेबोरेटरी में होगी। फतेहाबाद में 90 हजार बच्चों को बांटी किताब सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए)के तहत फतेहाबाद जिले के लगभग 90 हजार बच्चों को किताबें बांटी गई हैं। जिले में स्कूलों की संख्या 623 है। जिसमें 393 प्राइमरी, 86 मिडिल, 80 हाई एवं 64 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। गुणवत्ता को लेकर निदेशालय ने जांच करने का लिया निर्णय फतेहाबाद के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) अनिल शर्मा ने कहा कि दूसरी से आठवीं कक्षा की किताबों की गुणवत्ता को लेकर निदेशालय ने जांच करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर जिले से सैंपल मंगवाए हैं। यह सैंपल पंचकूला लैब में जांच के लिए भेजे जाने हैं।

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