पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एचएसएससी के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति को चुनौती के मामले में दाखिल याचिका रद कर दी है। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस एजी मसीह पर आधारित खंडपीठ ने याची हिसार निवासी विक्टर रॉबिनसन द्वारा लोकस स्टेंडाई पर रखे गए पक्ष को देखने के बाद याचिका को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। याचिका में एचएसएससी के चेयरमैन विजय कुमार और सदस्य विनय शर्मा, अशोक कुमार जैन और राम शरण भल्ला
की नियुक्ति को चुनौती दी थी। हिसार निवासी विक्रेंद मलिक और विक्टर रॉबिनस ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में सलिल सबलोक बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीमकोर्ट द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का हवाला दिया गया था। याचिका में कहा गया कि सरकार ने 31 अक्तूबर 2011 को नोटिफिकेशन जारी कर यह नियुक्तियां की। याचिका में दलील दी गई कि सरकार ने इन नियुक्तियों के लिए कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया और पिक एंड चूज के तहत चेयरमैन समेत अन्य सदस्याें को चुना गया, जो कि असंवैधानिक है। याचिका में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया था कि हरियाणा सरकार की अधिसूचना को रद कर इन नियुक्तियों को निरस्त करने के निर्देश जारी किए जाएं। हाईकोर्ट ने इस मामले में याची पक्ष को अपना लोकस स्टैंडाई स्पष्ट करने के निर्देश जारी किए थे।
की नियुक्ति को चुनौती दी थी। हिसार निवासी विक्रेंद मलिक और विक्टर रॉबिनस ने हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में सलिल सबलोक बनाम केंद्र सरकार के मामले में सुप्रीमकोर्ट द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का हवाला दिया गया था। याचिका में कहा गया कि सरकार ने 31 अक्तूबर 2011 को नोटिफिकेशन जारी कर यह नियुक्तियां की। याचिका में दलील दी गई कि सरकार ने इन नियुक्तियों के लिए कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया और पिक एंड चूज के तहत चेयरमैन समेत अन्य सदस्याें को चुना गया, जो कि असंवैधानिक है। याचिका में हाईकोर्ट से आग्रह किया गया था कि हरियाणा सरकार की अधिसूचना को रद कर इन नियुक्तियों को निरस्त करने के निर्देश जारी किए जाएं। हाईकोर्ट ने इस मामले में याची पक्ष को अपना लोकस स्टैंडाई स्पष्ट करने के निर्देश जारी किए थे।
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