अमर उजाला ब्यूरो
करनाल। पक्की नौकरी के लिए सेक्टर 12 में अतिथि अध्यापकों ने महापड़ाव के दूसरे दिन सुबह सरकार के खिलाफ विरोध जताया। शाम को 101 ने मुंडन कराया। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ ने कहा है कि आज से हमारे लिए सरकार मर गई है। इसलिए ही अध्यापकों ने सिर से बाल मुंडवाए हैं, अगर प्रदेश में सरकार है तो फिर टीचर्स के आगे लगे इस गेस्ट शब्द हटाएं, तभी उनका धरना समाप्त होगा। पक्की नौकरी के अलावा वो कोई बात नहीं सुनेंगे और न ही किसी से कोई बात करेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी चेताया कि उनका विरोध प्रदर्शन रोजाना नए तरीके से होगा और शांतिपूर्ण होगा, लेकिन सरकार अतिथि अध्यापकों के सब्र का इम्तिहान न ले। उधर, शहर में सीएम के आगमन को लेकर पुलिस ने शहर के सभी चौक चौराहों और नाकों पर पुलिस तैनात रखी, साथ ही अतिथि अध्यापकों के चारों तरफ घेराव रखा, ताकि वे सचिवालय या फिर सीएम कैंप आफिस तक न जा सकें।
दूसरे दिन धरने को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने कहा कि इस बार वे पीछे नहीं हटेंगे, यह लड़ाई केवल 4073 की नहीं है, यह लड़ाई हर अतिथि
अध्यापक की है। उन्होंने गेस्ट टीचर्स की बेकद्री के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराते हुए नई सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। सरकार को चेताते हुए कहा कि अध्यापकों की हुंकार पिछली सरकार को भी हिला चुकी है, इसलिए नई सरकार को भी समझ से काम लेना चाहिए। इससे पहले, खासकर महिला अध्यापकों ने सरकार, मुख्यमंत्री व मंत्रियों के नाम का स्यापा पाया। दोपहर तीन बजे 101 अध्यापकों ने सिर से बाल कटवाकर मुंडन कराया। इसके पीछे तर्क देते हुए अध्यापक नेता कुलदीप धरौली, धर्मबीर कौशिक ने बताया कि भारत में तब मुंडन कराया जाता है, जब उसका आसरा मर जाए। परिवार के लोगों ने हमें पढ़ा दिया, लेकिन वे नौकरी नहीं दे सकते और नौकरी पक्की करने वाली सरकार है, जो हमारी बात नहीं सुन रही है। सरकार गेस्ट टीचर्स को हटाने की चेतावनी दे रही है, लेकिन इस बार गेस्ट टीचर्स नहीं हटेंगे, बल्कि गेस्ट शब्द हटेगा और हम पक्के अध्यापक होंगे।
अध्यापक की है। उन्होंने गेस्ट टीचर्स की बेकद्री के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराते हुए नई सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। सरकार को चेताते हुए कहा कि अध्यापकों की हुंकार पिछली सरकार को भी हिला चुकी है, इसलिए नई सरकार को भी समझ से काम लेना चाहिए। इससे पहले, खासकर महिला अध्यापकों ने सरकार, मुख्यमंत्री व मंत्रियों के नाम का स्यापा पाया। दोपहर तीन बजे 101 अध्यापकों ने सिर से बाल कटवाकर मुंडन कराया। इसके पीछे तर्क देते हुए अध्यापक नेता कुलदीप धरौली, धर्मबीर कौशिक ने बताया कि भारत में तब मुंडन कराया जाता है, जब उसका आसरा मर जाए। परिवार के लोगों ने हमें पढ़ा दिया, लेकिन वे नौकरी नहीं दे सकते और नौकरी पक्की करने वाली सरकार है, जो हमारी बात नहीं सुन रही है। सरकार गेस्ट टीचर्स को हटाने की चेतावनी दे रही है, लेकिन इस बार गेस्ट टीचर्स नहीं हटेंगे, बल्कि गेस्ट शब्द हटेगा और हम पक्के अध्यापक होंगे।
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