अपने जिले में नौकरी करने की चाहत रखने वाले शिक्षकों को जल्द राहत मिलने वाली है। हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय अंतर जिला तबादला के लिए फिर से ऑनलाइन आवेदन करने की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
प्रदेश भर में सभी शिक्षक वर्गों से अंतर जिला तबादला नीति के अंतर्गत 21 मार्च से 21 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर तकनीकी कारणों से कोई भी शिक्षक इस नीति के अंतर्गत अपना आवेदन नहीं कर पाया। हालांकि अभी तक तकनीकी कारणों की वजह साफ नहीं हो पाई हैं। शिक्षा निदेशालय ने मास्टर, सीएंडवी, लेक्चरर और जेबीटी से अंतर जिला तबादला के लिए ऑनलाइन प्रपत्र भरने के लिए मोहलत दी थी। एक माह की मोहलत में ही इच्छुक शिक्षक जो दूसरे जिलों में तैनात हैं, वे अपने
आवेदन विभाग को कर सकते हैं। तकनीकी खामियों के चलते ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में लिंक नहीं जुड़ पाने पर एक भी शिक्षक अंतर जिला तबादला नीति का लाभ नहीं उठा पाया। विभागीय अधिकारियों की माने तो जेबीटी और सीएंडवी टीचरों के अंतर जिला तबादला करने से उनकी वरिष्ठता खत्म हो जाती है। ये शिक्षक जिला केडर की श्रेणी में आते हैं। इनमें हिंदी, संस्कृत, ड्राइंग, पीटीआई व जेबीटी टीचर शामिल हैं। जबकि मास्टर, स्कूल लेक्चरर, हैडमास्टर व प्राचार्य की वरिष्ठता सूची राज्य केडर की होती है।
प्रदेश भर में लगभग 20 हजार मास्टर विभिन्न सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। पदों की बात करें तो 25 हजार से मास्टर वर्ग के पद विभाग द्वारा स्वीकृत है। करीब 22 हजार सीएंडवी अध्यापक सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। स्कूल लेक्चरर की 32 हजार पोस्ट हैं, लगभग इतनी ही संख्या में स्कूल लेक्चरर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेशभर में 39 हजार से अधिक जेबीटी टीचर हैं। अंतर जिला तबादला नीति में अधिकांश जेबीटी टीचर ही प्रभावित होते हैं।
ये है अंतर जिला तबादला नीति
इस नीति के अंतर्गत नई नियुक्ति के तीन साल उपरांत कोई भी शिक्षक अपने मूल जिला के सरकारी स्कूल में आने के लिए अपनी इच्छा से विभाग को आवेदन कर सकता है। जो फिलहाल किसी दूसरे जिले में तैनात है। शिक्षक को केवल रिक्त पद पर ही अंतर जिला तबादला नीति के तहत स्टेशन अलाट किया जाता है। इस नीति में केवल शिक्षा निदेशालय स्तर पर ही प्रक्रिया उच्चाधिकारियों द्वारा अमल में लाई जाती है।
॥मास्टर वर्ग का पहले रेशनेलाइजेशन किया जाएगा, इसके बाद इनको अंतर जिला तबादला नीति का लाभ मिलेगा। पिछले साल जेबीटी में अंतर जिला तबादला हुआ है। अगर ऑनलाइन आवेदन करने में कोई दिक्कत आई हैं, तो उसकी वजह का पता लगाया जाएगा। शिक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन की मियाद बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल वे तमिलनाडु में चुनावी ऑब्जर्वर के तौर पर गए हुए हैं, वापस लौटकर इस पर दिशा में कदम उठाया जाएगा। -डी सुरेश निदेशक हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय।
प्रदेश भर में सभी शिक्षक वर्गों से अंतर जिला तबादला नीति के अंतर्गत 21 मार्च से 21 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर तकनीकी कारणों से कोई भी शिक्षक इस नीति के अंतर्गत अपना आवेदन नहीं कर पाया। हालांकि अभी तक तकनीकी कारणों की वजह साफ नहीं हो पाई हैं। शिक्षा निदेशालय ने मास्टर, सीएंडवी, लेक्चरर और जेबीटी से अंतर जिला तबादला के लिए ऑनलाइन प्रपत्र भरने के लिए मोहलत दी थी। एक माह की मोहलत में ही इच्छुक शिक्षक जो दूसरे जिलों में तैनात हैं, वे अपने
आवेदन विभाग को कर सकते हैं। तकनीकी खामियों के चलते ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में लिंक नहीं जुड़ पाने पर एक भी शिक्षक अंतर जिला तबादला नीति का लाभ नहीं उठा पाया। विभागीय अधिकारियों की माने तो जेबीटी और सीएंडवी टीचरों के अंतर जिला तबादला करने से उनकी वरिष्ठता खत्म हो जाती है। ये शिक्षक जिला केडर की श्रेणी में आते हैं। इनमें हिंदी, संस्कृत, ड्राइंग, पीटीआई व जेबीटी टीचर शामिल हैं। जबकि मास्टर, स्कूल लेक्चरर, हैडमास्टर व प्राचार्य की वरिष्ठता सूची राज्य केडर की होती है।
प्रदेश भर में लगभग 20 हजार मास्टर विभिन्न सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। पदों की बात करें तो 25 हजार से मास्टर वर्ग के पद विभाग द्वारा स्वीकृत है। करीब 22 हजार सीएंडवी अध्यापक सरकारी स्कूलों में तैनात हैं। स्कूल लेक्चरर की 32 हजार पोस्ट हैं, लगभग इतनी ही संख्या में स्कूल लेक्चरर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेशभर में 39 हजार से अधिक जेबीटी टीचर हैं। अंतर जिला तबादला नीति में अधिकांश जेबीटी टीचर ही प्रभावित होते हैं।
ये है अंतर जिला तबादला नीति
इस नीति के अंतर्गत नई नियुक्ति के तीन साल उपरांत कोई भी शिक्षक अपने मूल जिला के सरकारी स्कूल में आने के लिए अपनी इच्छा से विभाग को आवेदन कर सकता है। जो फिलहाल किसी दूसरे जिले में तैनात है। शिक्षक को केवल रिक्त पद पर ही अंतर जिला तबादला नीति के तहत स्टेशन अलाट किया जाता है। इस नीति में केवल शिक्षा निदेशालय स्तर पर ही प्रक्रिया उच्चाधिकारियों द्वारा अमल में लाई जाती है।
॥मास्टर वर्ग का पहले रेशनेलाइजेशन किया जाएगा, इसके बाद इनको अंतर जिला तबादला नीति का लाभ मिलेगा। पिछले साल जेबीटी में अंतर जिला तबादला हुआ है। अगर ऑनलाइन आवेदन करने में कोई दिक्कत आई हैं, तो उसकी वजह का पता लगाया जाएगा। शिक्षकों के लिए ऑनलाइन आवेदन की मियाद बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल वे तमिलनाडु में चुनावी ऑब्जर्वर के तौर पर गए हुए हैं, वापस लौटकर इस पर दिशा में कदम उठाया जाएगा। -डी सुरेश निदेशक हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय।
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