Sunday, June 2, 2013

FIRST ROUND ME FAIL PHIR BHI SECOND KE LIYE ELLIGIBLE

खेल विभाग द्वारा स्पैट में खिलाड़ियों के प्रति अपनाए गए नरम रवैये का इसी से पता चलता है कि प्रथम चरण में क्वालीफाई नहीं करने वाले खिलाड़ियों को भी दूसरे चरण में खेलने का अवसर दिया गया। बात यही तक नहीं रुकी, दूसरे चरण में खेलने का अवसर मिलने के बाद इन्हीं में से कई खिलाड़ी फाइनल में चयनित हो गए और स्कॉलरशिप के हकदार बन गए हैं।1यह सब खुलासा बधाना गांव निवासी कर्मबीर द्वारा सूचना के
अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना से हुआ है। कर्मबीर ने सूचना मांगी थी कि स्कूल स्तर पर प्रथम चरण में कितने बच्चे पास हुए है और पास हुए बच्चों में से कितने बच्चों के 30 मीटर फ्लाइंग स्टार्ट में शून्य अंक थे। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा दी गई सूचना में बताया गया है कि स्कूल स्तर पर 177823 बच्चों ने स्पैट 2013 पास किया। 1इसमें से 116037 बच्चों ने 30 मीटर फ्लाइंग स्टार्ट में शून्य अंक हासिल किया। यानी 177923 में से 116037 बच्चे दूसरे राउंड (ब्लाक स्तर) के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके और केवल 61886 बच्चों ने ही दूसरे राउंड (ब्लाक स्तर) के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन खेल विभाग ने 61886 बच्चों की बजाय सभी 177923 बच्चों को दूसरे राउंड (ब्लॉक स्तर) में खेलने का मौका दिया।1यह है नियम : खेल विभाग ने आरटीआइ के तहत बताया है कि स्पैट 2013 प्रथम चरण का ट्रायल स्कूल स्तर पर शिक्षा विभाग ने लिया था। यह ट्रायल केवल तीन प्रतियोगिताओं में ली गई थी, जिसमें 30 मीटर फ्लाइंग, स्ट्राट स्टैंडिंग बाडजंप, 6x10 मीटर स्टल रन थी। 1यह ट्रायल प्रति इवेंट ज्यादा से ज्यादा तीन अंकों है। प्रथम चरण में कुल नौ अंकों का टेस्ट था, जिसमें से 75 प्रतिशत अंक वाला खिलाड़ी पास होना चाहिए यानि सात अंक लेने जरूरी थे, लेकिन स्कूल स्तर पर 116037 खिलाड़ियों को 30 मीटर फ्लाइंग में शून्य अंक देने की बात कही गई है और उसके बाद भी उन्हें दूसरे राउंड के लिए क्वालीफाई कर दिया गया।कृष्ण खटकड़, अलेवा (जींद)1खेल विभाग द्वारा स्पैट में खिलाड़ियों के प्रति अपनाए गए नरम रवैये का इसी से पता चलता है कि प्रथम चरण में क्वालीफाई नहीं करने वाले खिलाड़ियों को भी दूसरे चरण में खेलने का अवसर दिया गया। बात यही तक नहीं रुकी, दूसरे चरण में खेलने का अवसर मिलने के बाद इन्हीं में से कई खिलाड़ी फाइनल में चयनित हो गए और स्कॉलरशिप के हकदार बन गए हैं।1यह सब खुलासा बधाना गांव निवासी कर्मबीर द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना से हुआ है। कर्मबीर ने सूचना मांगी थी कि स्कूल स्तर पर प्रथम चरण में कितने बच्चे पास हुए है और पास हुए बच्चों में से कितने बच्चों के 30 मीटर फ्लाइंग स्टार्ट में शून्य अंक थे। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग द्वारा दी गई सूचना में बताया गया है कि स्कूल स्तर पर 177823 बच्चों ने स्पैट 2013 पास किया। 1इसमें से 116037 बच्चों ने 30 मीटर फ्लाइंग स्टार्ट में शून्य अंक हासिल किया। यानी 177923 में से 116037 बच्चे दूसरे राउंड (ब्लाक स्तर) के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके और केवल 61886 बच्चों ने ही दूसरे राउंड (ब्लाक स्तर) के लिए क्वालीफाई किया था, लेकिन खेल विभाग ने 61886 बच्चों की बजाय सभी 177923 बच्चों को दूसरे राउंड (ब्लॉक स्तर) में खेलने का मौका दिया।1यह है नियम : खेल विभाग ने आरटीआइ के तहत बताया है कि स्पैट 2013 प्रथम चरण का ट्रायल स्कूल स्तर पर शिक्षा विभाग ने लिया था। यह ट्रायल केवल तीन प्रतियोगिताओं में ली गई थी, जिसमें 30 मीटर फ्लाइंग, स्ट्राट स्टैंडिंग बाडजंप, 6x10 मीटर स्टल रन थी। 1यह ट्रायल प्रति इवेंट ज्यादा से ज्यादा तीन अंकों है। प्रथम चरण में कुल नौ अंकों का टेस्ट था, जिसमें से 75 प्रतिशत अंक वाला खिलाड़ी पास होना चाहिए यानि सात अंक लेने जरूरी थे, लेकिन स्कूल स्तर पर 116037 खिलाड़ियों को 30 मीटर फ्लाइंग में शून्य अंक देने की बात कही गई है और उसके बाद भी उन्हें दूसरे राउंड के लिए क्वालीफाई कर दिया गया।

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