Saturday, June 22, 2013

KYA CBI KAR SAKEGI NISHPAKSH JANCH

2009 में हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने 8500 जे बी टी भर्ती मामले में फर्जी परीक्षार्थियों की संलिप्तता सामने आ जाने के बाद प्रदेश के राजनितिक गलियारों में जहां बवाल मच गया है वहीं कांग्रेस की शिक्षा भर्ती में भारी गड़बड़ी और धोखाधड़ी का मामला भी सामने आ गया है जे बी टी टीचर भर्ती मामले में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की जांच में जो तथ्य उजागर हुए हैं उससे एक बार फिर शिक्षक भर्ती मामले में भारी हेराफेरी का मामला सामने आया है आपको बता दें इनेलो सरकार के कार्यकाल के दौरान देश की जांच एजेंसी सी बी आई ने तत्कालीन मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला विधायक अजय सिंह चौटाला विधायक शेर सिंह बड़शामी सहित
55 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था उसमें लेन - देन का आरोप लगाया गया था हालांकि लेन - देन के आरोप सिद्ध ना होने के बावजूद सी बी आई की अदालत ने चौटाला समेत सभी आरोपियों को 10 साल से लेकर 4 साल तक की सजा सुनाई थी दीघर सच यह भी था कि अजय सिंह चौटाला उस समय सांसद थे जिनकी प्रदेश की कार्यप्रणाली में कोई भी दखलंदाजी नहीं बनती थी और सबसे बड़ा दीघर सच ये भी है कि चौटाला बंधुओं को जिस शिक्षक भर्ती मामले में सजा सी बी आई की विशेष अदालत ने सुनाई है वो शिक्षक आज भी सरकार में अपने पदों पर बने हुए हैं लेकिन 2009 में कांग्रेस सरकार ने 8500 जे बी टी शिक्षकों के भर्ती मामले में जिस तरह फर्जी परीक्षार्थियों का सहारा लिया गया है वह एक ऐसा संगीन अपराध है जिनकी लम्बी सजा होनी चाहिए नकली परीक्षार्थियों के दम पर परीक्षा पास करके टीचर बने अध्यापकों का रिजल्ट भी हाल ही के दसवीं के परिणाम में सामने आया है जिसमें शिक्षा बोर्ड परीक्षा में पचास प्रतिशत बच्चे फेल हुए हैं हैरानी की बात यह है कि यह मामला भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में उजागर हुआ है हालांकि यह मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन कांग्रेस सरकार की शिक्षा नीति ने व्यापक पैमाने पर उजागर हुई धोखाधड़ी और भारी अनियमितता ने साबित कर दिया है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई भर्तियाँ भारी घोटाले का शिकार हैं अब सवाल यह उभर कर सामने आ रहा है कि 8500 जे बी टी टीचर भर्ती मामले में आखिर किन नेताओं के इशारे पर फर्जी परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में बिठाया गया ! सवाल यह भी उभर कर सामने आ रहा है कि फर्जी परीक्षार्थियों के मामले की क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को पहले से ही जानकारी थी दूसरा प्रदेश की शिक्षा मंत्री गीता भुक्खल को क्या फर्जी परीक्षार्थियों के बिठाने का इल्म नहीं था यदि ऐसा था तो स्टेट क्राइम ब्यूरो की जांच में सैंकड़ों फिंगर प्रिंट आपस में मेल क्यों नहीं खा रहे हरानी की बात यह है कि 60 में से 8 उम्मीदवार ही सही पाए जा रहे हैं आखिर कहां है नैतिक मूल्यों की दुहाई देने वाली कांग्रेस सरकार ! 2009 टीचर भर्ती मामले में बिना सरकार की संलिप्तता के बिना इतने परीक्षार्थी फर्जी तौर पर परीक्षा केंद्र में नहीं बिठाए जा सकते इस मामले में जिस तरह शिक्षा मंत्री और शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन टाल - मटोल कर रहे हैं उससे यह बात भी सत्य साबित होती है कि टीचर भर्ती मामले में अपने लोगों को सरकारी पद देने के लिए धोखाधड़ी और फरेब का खाका पहले ही तैयार कर लिया गया था हालांकि इस मामले में अभी और सच आना बाकि है लेकिन क्या देश की जांच एजैंसी सी बी आई इस मामले का पटाक्षेप करेगी देखना बाकि है कि शिक्षक भर्ती मामले में बिना लेन - देन की बात सामने ना आ जाने के बावजूद चौटाला बंधुओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने वाली सी बी आई क्या वास्तव में प्रदेश की हुड्डा सरकार के खिलाफ भी कोई बड़ी कार्यवाही करेगी इसका प्रदेशवासियों को इन्तजार रहेगा

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